रविवार, 12 दिसंबर 2021

जब साईं बाबा ने अपने भक्तों को अपने हाथों से भंडारा खिलाया, जानिए कहां हुआ यह अनोखा भंडारा #sai #j

 कि जब साईं बाबा ने अपने हाथों से अपने भक्तों को खाना खिलाया जानिए कहां हुआ ऐसा अनोखा भंडारा जरिए दोस्तों वीडियो शुरू करते हैं नमस्कार दोस्तों साईं बाबा अपने भक्तों की हर एक बड़ा कर लेते हैं अपने भक्तों के आने वाली हर परेशानियों को साईं बाबा पल भर में ही दूर कर देते हैं तो आखिर इस दिन ऐसा क्या हुआ जो स्वयं साईं बाबा को खिलाना पड़ा अपने हाथों से अपने भक्तों को भंडारा और उसी दिन साईं बाबा ने इन पापियों को उनकी हवा क्या है पूरी कहानी है आइए जानते हैं तो दोस्तों अगर आपने अभी तक हमारे चैनल को सबस्क्राइब नहीं किया है लेकिन इस बात की चैनल को सब्सक्राइब करें और बेल आइकन को ऑल पर क्लिक जरूर करें ताकि हमारी सभी आने वाले वीडियो की अपडेट आपको समय पर मिलती रहे दोस्तों यह घटना है छत्तीसगढ़ के बिलासपुर सिटी के एक छोटे से गांव करगी रोड कोटा की जहां साईं बाबा की शिरडी धाम 1972 से स्थापित है और कहा जाता है कि यहां पर तो चमत्कार देखे जाते हैं यहां पर एक साईं बाबा के एक बहुत बड़े भक्त थे उनका नाम आशु व था वह स्कूल जाकर अपने छात्रों को पढ़ाते थे और उनके पढ़ाई को लेकर वह बहुत ही मशहूर थे वह कुछ ही सालों में ना केवल परमानेंट हो गए थे बल्कि assistant से प्रमोट होकर एसोसिएशन बन चुके थे साथ ही साथ उनकी हिंदी किताबों में कई सारी बातें भी छप चुकी थी शासक अपने पूरी सफलता का श्रेय केवल और केवल साईं बाबा को देते थे किंतु एक ऐसा भी समय आता है कि उनके पास आगे बढ़ने के लिए एक भी पैसा नहीं रहता साईं बाबा की दया से उन्हें स्कॉलरशिप मिल चुकी थी जिससे वह आगे बढ़ पाए साईं बाबा के बिना वह अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते थे वे अपने हर एक काम से पहले साईं बाबा से आशीर्वाद लेते और साईं बाबा के केवल आशीर्वाद से ही उनका हर एक काम बन जाता था परंतु तो उनका एक साथी था जो कि दर्शक इसे बिल्कुल भी खुश नहीं था निरंजन भी शासक के साथ कॉलेज में हिंदी बनाया करता था यूं तो वह कॉलेज में शासक से पहले आया हुआ था वरना ही तो वह इतनी सालों में अपने पीएचडी कंप्लीट कर पाए थे और ना ही कोई किताब या रिसर्च पेपर लिख पाए थे जिस कारण उनका प्रमोशन भी नहीं हो पा रहा था धीरे-धीरे उन्हें शक की तरफ इशारा अमावस्या श के प्रति होने लगी और फिर वह शासक को नीचा दिखाने का कोशिश करने लगा पर शासक इन बातों का एक भी बुरा नहीं मानता था वह निरंजन को अपना सीनियर मानकर उनका इज्जत किया करता था उनकी कोई भी कही गई बातों को वह बुरा नहीं मानता था इस बात से निरंजन और भी जरूर जाता था कुछ दिन बाद शासन अपनी प्रमोशन के कारण साईं बाबा का बहुत ही बड़ा भंडारा किया उन्होंने कॉलेज के अपने सभी लोगों को और आसपास के सभी फोटो साईं बाबा के भंडारे में आमंत्रित किया लेकिन जब निरंजन यहां सुना तो वह उसी समय प्राण ले लिया कि मैं कुछ भी क्यों ना हो जाए यह कार्य को होने नहीं दूंगा उन्होंने शासक को बात करने के लिए एक कार्य बनाया नीरज को बहुत ही विश्वास था कि वह अपने कार्य में सफल जरूर होगा और उसके बाद शासक के साथ ऐसा होगा यह उसे जेल जाने से कोई नहीं बचा पाएगा परंतु वह भूल चुका था यह उसकी रक्षा करने के लिए तो पहले से ही साईं बाबा मौजूद है वह पूजा के लिए उस जगह पर गया जहां पर भंडारे के लिए खाना बनाया जा रहा था वह अपने जेल में जहर की बोतल आया हुआ था लोगों से बचकर वह टेस्ट की ओर घुस गया वहां पर खाना बनाने वाले खाना बना कर आराम कर रहे थे बाकी सभी बच्चियों कर लो भी थक चुके थे और उनके बनाए गए सभी वस्तुओं का ढक्कन भी खुला हुआ था और वहीं पर एक जगह उन्होंने खीर बनाया था और उस खीर का ढक्कन कि खुला हुआ था रावण की नजर बचाकर जीत की तरफ बढ़ कर उसमे जहर मिला दिया वह आखिर में जहर डालने वाला था तभी पीछे से उसे एक बूढ़े व्यक्ति ने आवाज लगाया हुआ बेटा निरंजन ने सकुचाते हुए बोला कुछ भी नहीं वह बूढ़े आदमी ने कहा कि अभी भंडारा लगने में समय है अगर तुम्हें अभी ही भूख लग रही है तुम्हें मैं कटोरे में निकाल कर दे देता हूं बाकी मैं भंडारे में लगा दूंगा निरंजन ने सोचा यह तो बहुत ही बढ़िया बात है उसके हिस्से की खीर जब अलग हो जाएगी तो वह बाकी के क्षेत्रों में हर भुला देगा इससे उसकी जान तो बच जाएगी बूढ़े आदमी ने उसे एक दोने में थोड़ी सी खीर देती फिर वह सभी बर्तनों को उठाने के लिए लोगों को बुलाने चला गया इस मौके का फायदा उठाकर निरंजन ने तुरंत पार्टी में जहर मिला दिया फिर चुपचाप आखिरकार दोनों लेकर वह बाहर की तरफ चला गया भंडारा शुरू हुआ वह बूढ़ा आदमी सभी लोगों को अपने हाथों कि आखिर परोस रहा था सभी लोगों ने जी भरकर खाना खाया और आई और सभी लोगों ने शासक को आशीर्वाद दिया बहुत साईं बाबा की जय-जयकार करते हुए वे सभी अपने घर चले गए और ताज्जुब की बात तो यह है कि अपने बारे में इतना कुछ खाने के बावजूद भी उन्हें कुछ भी नहीं हुआ यह मंजर इस विचार में था कि शायद घर जाकर इनकी तबीयत खराब हो जाए वह भी अपने घर जाने वाला था कि तभी अचानक उसे बहुत तेज चक्कर आने लग गए और उसकी आंखों के आगे अंधेरा छाने लगा कुछ ही देर हुए थे कि वह चक्कर खाकर नीचे ज़मीन पर गिर गया जब वह होश में आया तो उसने अपने आप को अस्पताल में पाया डाक्टरों ने बताया कि उसकी हालात बहुत ही खराब दी उसके पूरे शरीर में जहर फैल चुका था फिर उसे एक बूढ़ा आदमी अस्पताल लेकर आए बगैर अस्पताल उसे सही समय पर लेकर नहीं आया होता तो उसका बचना मुश्किल हो जाता निरंजन यह बात समझ नहीं पा रहा था कि सुनहरी वाली हीर खाए ही नहीं उसको शहर के से लग गया और बाकी लोग अ हर्बल खीर खाकर भी कैसे ठीक है इतने में ही नीरज के पास वह बूढ़ा आदमी अंदर आया है निरंजन उससे कुछ पूछता उसने पहले ही वह बूढ़ा आदमी उसको बोल पड़ा मैं जानता हूं कि तुमने कितनी नीच हरकत की थी आज के भंडारे में तुमने खीर में जहर मिलाया हुआ था यह मैंने देख लिया था मैं चाहता तो तुम्हें मरने के लिए छोड़ सकता था मैं चाहूं तो अभी दुबई पुलिस के हवाले कर दिया लेकिन मैं ऐसा नहीं करूंगा तुम जाओ और जिसका तो हिंद सोच रहे थे उससे जाकर माफी मांगकर आओ तभी तुम को मुझ से भी माफी मिलेगी निरंजन अपने किए पर बहुत ही शर्मिंदा हो गया निरंजन बोला कि मुझे अपने किए पर बहुत पछतावा है मैं इंसानियत से बहुत ही गिर चुका था लेकिन मेरे इतना कुछ करने के बावजूद किसी के भी शरीर में जहर क्यों नहीं फैला कभी बूढ़े आदमी ने जवाब दिया कि मेरे छूने दो ऐसे ही देर में पहले में सारे शहर तुरंत ही खत्म हो गए और मेरे ही छूने से पूरा शहर तो हमारे शरीर में आग है रंजन ने तुरंत पूछा आप कौन है बूढ़े आदमी ने कहा मन की आंखों से देखो तुम्हें सब पता चल जाएगा निरंजन ने जैसे ही अपनी आंखें पास कि उसे सामने में बहुत ही विशाल साईं बाबा सामने दिखाई दिए निरंजन की आंखें आंसुओं से भर आए और उसकी हाथ अपने आप ही साईं बाबा के प्रति झुक गए वह निरंतर रो रहा था वह ठीक होकर शासक के घर गया और सारी घटना सुनाकर उससे माफी मांगी शासक ने तुरंत नीरज को अपने गले से लगा लिया जब सभी लोगों को इस बात की भनक हुई तो सभी लोगों ने इसे इस केवल और केवल साईं बाबा का ही चमत्कार माना और सभी लोगों ने साईं बाबा का जयकारे लगाने लगे वह सभी लोग बहुत ही जोर-जोर से साईं बाबा का जय-जयकार करने लगे तो दोस्तों कैसी लगी आज की हमारी तो हमें नीचे कमेंट में लिखकर जरूर बताइएगा अगर आप चैनल पर नए हैं तो चैनल को सबस्क्राइब और शेयर कीजिए काया और ज्यादा से ज्यादा इस वीडियो को शेयर कीजिए का या मिलेंगे अगली बार देख नहीं खास वीडियो के साथ तब तक के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद सा

शनिवार, 16 अक्तूबर 2021

जब अपने भक्त को बचाने खुद साईं बाबा दौड़े चले आए फिर जो चमत्कार हुआ उसे देखकर लोगों के होश उड़ गए

 क्या हुआ जब बाढ़ में फंसे भक्तों को बचाने स्वयं साइन आपको आना पड़ा और फिर जो चमत्कार हुआ उसे देखकर सभी लोग हैरान हो गए ओम साईं राम दोस्तों नमस्कार हमारे YouTube चैनल में आप सभी का बहुत-बहुत स्वागत है दोस्तों आज हम आपको कंगना ठाकुर के साथ हुए आईनाथ की ऐसी सच्ची घटना सुनाने जा रहे हैं जिसे सुनकर आपके भी रोंगटे खड़े हो जाएंगे इसे सुनकर आपके पैरों तले ज़मीन खिसक जाएगी दरअसल दोस्तों हम बात कर रहे हैं बाल घाटी में रहने वाली कंगना ठाकुर की जिन्होंने हमारे साथ ही बाबा की एक ऐसी सच्ची घटना शेयर की है और बताया है कि कैसे स्वयं ही बाबा ने बाढ़ के दौरान उनके प्राणों की रक्षा की दोस्तों कंगना ठाकुर बताती है कि वह साईं बाबा को दिल से मानती है और निस्वार्थ होकर उनकी पूजा पाठ भी जिया करती है वह कहती है शायद मेरी भक्ति से प्रसन्न होकर बहुत के मुझसे आकर स्वयं साईनाथ ने मेरे प्राणों की रक्षा की थी हेलो दोस्तों इस बात में आज भी कोई दो राय नहीं है जो भक्त सच्ची श्रद्धा से साईं बाबा को याद करता है तो अवश्य ही साईंनाथ उनकी मुराद सुनकर किसी ना किसी रूप में दौड़े चले आते हैं तो आइए दोस्तों जानते हैं कि कैसे साईनाथ ने अपने भक्तों को बाहर निकालकर कंगना ठाकुर की रक्षा की दोस्तों बाल घाटी के छोटे से गांव में रहने वाली कंगना ठाकुर जी साईं बाबा के एक अनन्य भक्त थी वह हर रोज सुबह उठकर कायनात के मूर्ति में दूध अर्पण किया करती थी उसके बाद ही वह अपने दिनचर्या के कामों को शुरू किया करती थी गांव वाले भी कंगना की भक्ति को देखकर बहुत ही खुश रहते थे बात उस समय की है जब बाल घाटी के मौसम बिल्कुल खराब हो चुका था बिल्कुल सुबह से ही बहुत बारिश हो रही थी कहना जी बताती हैं यह वह बारिश होते हुए भी साईं बाबा को दूध अर्पण करने मंदिर चले जाती है घरवालों के बहुत समझाने के बाद भी कंगना मानती और साईं बाबा के मंदिर चली जाती है कंगना जी बताती है कि शायद साईं बाबा उनकी परीक्षा लेना चाह रहे थे इसीलिए उन्होंने हार नहीं मानी और तेज बारिश में भी मंदिर के तरफ निकल गई जैसे ही कंगना आगे बढ़ने को निकली अ चाहत स्वरों से बारिश होने लगी आसमान में बहुत जोरों शोरों से बिजली कड़कने लगी थी मानो जैसे कोई बादल फटने वाले हैं ऐसे मौसम को देखकर कंगना जी साईं बाबा का नाम लेते हुए मंदिर के तरफ निकल रही थी जैसे ही वह आगे बढ़ी रही थी लोग कहना ने देखा वहां के नदी पर बहुत तेज तूफान पैदा हो रही है उन्होने देखा आदि में तेज पानी के लहरें उत्पन्न हो रही है जो लगातार बहुत तेजी से उनकी तरफ बढ़ रही है लेकिन कंगना जी फिर भी नही रुकी और साईं बाबा का नाम लेते हुए वह आगे बढ़ने लग जाती है तब यह बहुत ही भयानक पानी की लहर कंगना से टकराती है और जिसके कारण कंगना पानी में डूबने लग जाती है एक पल लिए कंगना को लगता है कि शायद उनका आखिरी समय आ चुका है लेकिन कंगना अपने परिवार को ना याद करते हुए सच्चे मन से साईं नाथ का चालीसा पढ़ने लग जाती है पानी में सांस ना लेने की वजह से अंगना बेहोश हो जाती है तभी कंगना को ऐसा सपना देखता है जिसे देखकर वह फूट-फूट कर रोने लग जाती है व्युत्क्रम है वह साक्षात साईं बाबा के सामने खड़ी हुई थी साईं बाबा उससे पूछते हैं लिए प्रिय भक्त जब तुम्हें पता था कि तुम्हारा आखरी समय आ चुका है फिर भी तुम्हारे मुख पर केवल मेरा ही नाम क्यों था तो कंगना कहने लग जाती है यह साईनाथ मैंने बचपन से यह और केवल आपको ही पूजा है मैं जानती थी कि मैं अपने जीवन में अगर इसी तरीके से सच्ची श्रद्धा भाव से पूजा-पाठ आपके प्रति करते रहूंगी तो आप एक ना एक दिन मुझे दर्शन जरूर देंगे और मेरा जीवन हमेशा के लिए सफल हो जाएगा साहिबा मंद-मंद मुस्काते हैं और कंगना से कहने लग जाते हैं कि जब मृत्यु नजदीक कि दो बड़े से बड़ा भक्त भी केवल और केवल अपने परिवार को याद करता है उस माह को याद करता है जिसने उसे बचपन से पाला हो लेकिन तुम्हें देख कर आज मुझे यकीन हो गया कि मुझसे भी बड़ा कोई है वह लोग केवल मेरा भक्त ही है और तभी साईं बाबा अपना हाथ उठाते हैं और भक्तों के ऊपर रखते हैं और कहते हैं अस्तु और तभी अचानक कंगना की आंखें खुल जाती है और कंगना देखती है कि उनके नजदीक ही एक साधु बाबा गुज़रे हैं वह अपने आपको साईं बाबा के मंदिर में पाती है जहां पर साईं बाबा के मंदिर के पास ही एक सफेद पोशाक पहना हुआ एक साधु खड़ा हुआ था और कंगना उन्हें देखकर बहुत ही घबरा जाती है लेकिन वह पल भर में ही समझ जाती है यह कोई और नहीं बल्कि स्वयं साईं बाबा ही है जिन्होंने नदी में डूबने से इन के प्राणों की रक्षा की है और क्षण भर में ही उतर नहीं वे साधु बाबा कहां गायब हो जाते हैं

जब यमराज से अपने भक्त की जान बचाने साईं बाबा ने मृत्यु को ही टाल दिया फिर जो हुआ देखकर सभी हैरान

 जब साईं बाबा ने एक भक्तों के लिए स्वयं त्याग दिए अपने प्राण फिर जो हुआ उसे देखकर आप भी आंखों से आंसू आ जाएंगे दोस्तों आज की जो सच्ची घटना हम आपको दिखाने जा रहे हैं इसे देखकर आपके भी आंखों में आंसू आ जाएंगे विजयदशमी का महापर्व है जी हां दोस्तों यह वही दिन है जब शिरडी के साईं बाबा ने पंद्रह अक्टूबर 1918 को 02:15 पर अपने प्राण त्याग दिए दे और आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि बाबा ने एक भक्तों के लिए अपने प्राणों को त्याग दिए थे आखिर कौन था वह जिसकी बाबा ने स्वयं बचा ली जान और अपने दिए प्रांत को चलिए शुरू करते हैं दोस्तों आप देख रहे हैं साईं जीवन माला YouTube चैनल आपके अपने चैनल में आप सभी का बहुत-बहुत हार्दिक स्वागत है आपने अभी तक केवल बाबा के जीवन काल ही कथाएं सुनी है अब आप सभी धानपुर कि बाबा के निर्माण कार्य का वर्णन सुनिए जी हां 28 सितंबर सन उन्नीस 18 को बाबा को साधारण सजा और मतलब बुखार आया और यह बुखार दो से तीन दिन तक रहा इसके उपरांत थी बाबा ने भोजन करना बिल्कुल ही त्याग दिया इससे उनका शरीर दिन-प्रतिदिन दुर्बल होने लगा और कुछ 17 दिनों के बाद अर्थात पंद्रह अक्टूबर सन् 1998 को 2:30 पर साईं बाबा ने अपने शरीर का त्याग किया यह जो समय है बाबा के प्रिय भक्त के अनुसार पत्र से प्राप्त हुआ था जो उन्होंने ज्यादा का आखिरी थोड़े को लिखा था भक्तों इसके दो वर्ष के पूर्व ही साईं बाबा ने अपने समाधि दिन का संकेत कर दिया था परंतु उस समय कोई भी समझ नहीं सका घटना इस प्रकार है कि विजयदशमी के दिन जब लोग शाम के समय की सीमा लांघ से लौट रहे थे तो बाबा सहसा ही क्रोधित हो गए सिरका कपड़ा कंपनी और अंगूठी निकालकर वह उसके टुकड़े-टुकड़े करके जलती हुई अखंड धूनी में फेंक दिया बाबा के द्वारा पावती प्राप्त करनी बहुत तेज चलने लगी और उससे कहीं अधिक बाबा के मुखमंडल की कांति चमक रही थी यह पूर्ण दिगंबर खड़े थे और उनकी आंखें अंगारे के समान चमक रही थी होने आवेश में आकर उच्च स्वर में कहा कि लोगों यहां आओ मुझे देखकर पुलिस चकल लोग कि मैं हिंदू हूं यह मुसलमान सभी लोग कहां पर रहते थे किसी को भी कुछ समझ नहीं आ रहा था और कोई भी उनके पास जाने का शहादत नहीं कर रहा था और बाबा बहुत क्रोधित अवस्था में थे जी हां कुछ समय के पश्चात रामचंद्र पाटिल जो थे बहुत बीमार हो गए उन्हें बहुत अधिक कष्ट तथा और उनके बहुत उपचार परंतु जीवन से हताश होकर वे अपने मित्रों के अंतिम क्षणों की ओर आ चुके थे तभी एक रात्रि को बाबा उसकी सिरहाने पर प्रकट हुए और बोले अब एक दिन मध्यरात्रि के समय बाबा अनायास ही उनके सिरहाने प्रकट हुए पाटिल उनके चरणों से लिपट कर कहने लगे कि मैंने अपने जीवन की समस्त आशाएं छोड़ दी हैं अब कृपा का मुझे इतना तो निश्चित बताइए कि मेरे प्राण कब निकलेंगे बाबा ने कहा घबराओ नहीं तुम्हारा कुंडी वापस ले ली गई है और तुम सिगरेट स्तोत्र जाओगे मुझे तो केवल तात्या का भय है कि सन उन्नीस सौ अट्ठारह में विजयदशमी के दिन उसका देहांत हो जाएगा किंतु यह भारत किसी से प्रगट ना करना और ना ही उसे बतलाना अन्यथा वह भयभीत हो जाएगा रामचंद्र पाटिल को स्वस्थ हो गया परंतु उन्हें तात्या के जीवन के लिए निरासा तु उन्हें ज्ञात था कि बाबा के कहब कभी असत्य नहीं होते हैं रामचंद्र ने सईंया त्यागी वह चलने फिरने लगे और उसके बाण 1918 का वह समय आ गया है अब बाबा ने कहा था कि तात्या पाटील इस दिन विजयदशमी के ओं अपने प्राण त्याग देंगे लेकिन विधि का विधान कुछ ऐसा पलटा कि बाबा का भी स्वास्थ्य खराब हो गया बाबा जैसे ही विजयदशमी का दिन आया तात्या की तो नारी की गति मंद होने लगी और उसकी मृत्यु निकट दिखलाई देने लगी उसी समय एक विचित्र घटना घटी तात्या की मृत्यु टल गई और उसके प्राण बच गए परंतु उसके हान पर स्वयं साईं बाबा प्रस्थान कर गए और ऐसा प्रतीत हुआ जैसे कि परस्पर हस्तांतरण हो गया हो सभी लोग कहने लगे कि बाबा ने तात्या के लिए अपने प्राण त्यागे ऐसा उन्होंने शुरू किया यह वही जाने क्योंकि यह बात हमारी बुद्धि के बाहर है ऐसा भी प्रतीत होता है कि बाबा ने अपने अंतिम काल का संकेत त्याग का नाम लेकर ही किया था और दूसरे दिन फिर 16 अक्तूबर को बाबा ने दासगणू को पंढरपुर में स्वप्न दिया और सभी बातें बताई तो भक्तों आपको क्या लगता है कि क्या साईं बाबा ने स्वयं ही तात्या पाटील के प्राण त्यागे थे या सिर्फ एक संकेत था हिस्सा ही तो कण-कण में है कैसी लगी आपको यह वीडियो कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं वीडियो कर अच्छी लगे तो लाइक करें ज्यादा जगह शेयर करें मिलेंगे अलीम आज़मी खास वीडियो के साथ तब तक के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद अ

बुधवार, 13 अक्तूबर 2021

जब खंबे के बिजली से बचाने आए साई बाबा फिर जो हुआ उसे देखकर सभी लोग हो गए दंग #sacchightna #sai #mira

 में अधिक खर्च चीकू लगा बिजली का तेज झटका वेल साईं बाबा का हुआ एक ऐसा चमत्कार जिसे देखकर आसपास खड़े सभी लोग हो गए हैं राम नमस्कार दोस्तों हमारे YouTube चैनल में आप सभी का बहुत-बहुत स्वागत है साईं बाबा ने अपने द्वारकामाई में भक्तों से कहा था कि कण-कण में भगवान का वास है मनुष्य पशु-पक्षी पेड़-पौधे हवा पानी हर जीव-जंतु में प्रभु का वास है बस देखने वाले का भाव दृढ़ और आस्था प्रबल होना चाहिए साथ में उसके अंदर श्रद्धा और भक्ति का भाव भी जरूर होना चाहिए आज हम आपको एक सच्चे भक्तों की सच्ची श्रद्धा की एक सच्ची घटना आपको सुनाने जा रहे हैं ही वर्षों की बात है उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव में नाम का एक भक्त रहा करता था जो कि चटाई बनाने वाले कारखाने में चटाई बनाने का काम करता में काफी समय से साईं बाबा की भक्ति में लगा रहता था अरविंद के परिवार में उसकी पत्नी उसका एक 12 साल का पुत्र था जिसका नाम था आशु अरविंद बचपन से ही अपने बच्चे को एक अच्छी शिक्षा प्रदान किया करता के साथ ही वह अपने बच्चे को साईं बाबा के चमत्कार के किस्से हर समय सुनाया करता था आंसू को भी साईं बाबा की कहानी किस्से बहुत ही खुश कर देते थे वह अरविंद के जीवन में जब भी कोई समस्या आती तो वह सिर्फ और सिर्फ साईं बाबा की शरण में जाता सब कुछ सुखमय व्यतीत हो रहा था तब एक दिन रविंद्र को कारखाने जाने में विलंब हो गया तो वह घर से बिना भोजन किए ही कारखाने चला गया जिसके कारण उसकी पत्नी ने अपने पति के लिए अपने बेटे आंसुओं के हाथों खाने का डिब्बा भेजा आशु घूमते-घूमते अपने पिताजी के लिए जज्बा लेकर जा रहा था दूसरी तरफ अरविंद भी खाने से घर की तरफ जल्दी से निकल रहा था बीच मार्ग में पहुंचकर अरविंद ने अपने बेटे को अपनी तरफ आते हुए देखा परंतु फिर जो हुआ उसे देख कर कोई भी यकीन नहीं कर पाया लेकिन बीच दूर में आशु ने अपने पिता को नहीं देखा आगे दूर में बिजली के खंबे से टूटी हुई तार बीच सड़क में लटक रही थी आशु बिजली की तार की तरफ बढ़ा और खेल-खेल में उसने उस बिजली के तारों को पकड़ लिया था और को पकड़ते ही उसे तेज बिजली का करंट लगा और आंसुओं तार से चिपक कर रह गया यह देखकर अरविंद अपने पुत्र को बचाने के लिए उसके पास दौड़ा और तार को छुड़ाने के लिए कोई लकड़ी ढूंढने लगा जल्द ही वहां बहुत सारे लोगों की भीड़ एकत्रित हो गई किसी को भी आशु को उस बिजली के तार से दूर करने का कोई भी मार्ग नहीं दिख रहा था व अरविंद ने साईं बाबा से अपने पुत्र के प्राणों की रक्षा के लिए गुहार लगाई थी भीड़ को चीरता हुआ एक कुत्ता पर छलांग मारते हुए आया और अपनी छलांग से उसने तार को पकड़कर खींच दिया और सड़क के दूसरे किनारे की तरफ गिर गया आंसुओं की हाथ से तो तार का करंट हट गया पर करंट के कारण आशु का हाथ जल गया और उसकी जान बच गई और ना जाने कैसे इतने तेज करंट से वहां कुत्ता भी बच गया यह देखकर वहां पर खड़े सभी लोग हैरान हो गए श्याम को समझ आ गया कि यह खुद साईं बाबा ने ही इस कुत्ते को भेजा है उसके बच्चे की प्राण की रक्षा करने के लिए भक्तों कर आप सभी को हमारी यह खास जानकारी एक खास वीडियो अच्छी लगी हो तो इस वीडियो को लाइक करें ज्यादा से ज्यादा शेयर करें मिलेंगे एक बार एक नई खास वीडियो के साथ तब तक के लिए बहुत-बहुत धन

जब एक गरीब व्यक्ति को रातों-रात साई बाबा ने बना दिया अमीर आदमी फिर जो हुआ उसे देख कर हो जाओगे हैरान

 जब साईं बाबा ने एक गरीब व्यक्ति के सारे संकट को पल भर में गायब कर दिया नमस्कार दोस्तों हमारे YouTube चैनल में आप सभी का हार्दिक हार्दिक स्वागत है दोस्तों तमिलनाडु के एक गांव में आशीष नाम का एक व्यक्ति अपने पत्नी के साथ रहा करता था हाथी गरीब था उसके लिए काफी गरीब था उसके बाद खाने के लिए भी पैसे नहीं थे वह काम करता है लेकिन पैसा इतना नहीं जुटा पाता इतना नहीं कमा पाता कि वह अपनी सारी जरूरतें पूरी कर सके उसकी पत्नी हमेशा उससे ताने मार के स्कूल नीचा दिखाया करती थी और आपके ही बाबा का बहुत ही बड़ा भक्त था वह दिन-रात साईं बाबा की पूजा पाठ किया करता था और प्रार्थना करता साईं बाबा सारा संसार सुखी रहे और मेरा घर भी चल सके मुसी मुझे अगस्त धंधे ;

भेजिए परंतु उसकी इच्छा कभी पूरी नहीं हो सकी इस वजह से कि उसकी पत्नी ने उससे कहा करती थीं कि उमर दिनभर साईं बाबा की पूजा करते हो साईं बाबा अगर होते तो तुम्हारी सुन लेते इस संसार में भगवान नाम का कोई चीज एवरीवन नहीं परंतु आशीष का साईं बाबा पर बहुत ही विश्वास था कि साईं बाबा उसकी एक ना एक दिन जरूर सुनेंगे आशीष एक दिन सुबह उठकर मंदिर या उसने देखा कि मंदिर काफी गंदा दिख रहा है उसने झाड़ू उठाया और मंदिर को साफ करना चालू कर दिया तभी एक व्यक्ति वहां पर आया और सीढ़ियों पर आंखों पर पहुंच गया तब उस बूढ़े व्यक्ति से आशीष ने पूछा कि आप बहुत परेशान दिख रहे हैं अगर कोई परेशानी है तो आप मुझे बता दे मैं उसे दूर कर सकूंगा उस बूढ़े व्यक्ति ने बताया कि मैंने दो दिन से कुछ नहीं खाया है और मुझे बहुत कमजोरी हो रही है और मत चल भी नहीं पा रहा हूं यह सुनकर आशीष को दया आ गई

 और उन्होंने कहा कि चलिए मैं आपको भोजन करा देता हूं आशीष उस बुजुर्ग व्यक्ति को अपने घर ले गया आशीष की पत्नी उस समय घर में भोजन ही बना रही थी कुछ देर बाद आशीष की पत्नी ने भोजन लेकर आया और सभी ने मिलकर साथ में भोजन किया सभापति ने कहा कि आप थक चुके होंगे एक काम कीजिए हक मेरे साथ यही पर कुछ देर आराम कर दीजिए कुछ देर बाद जब आशीष वहां से उठा तो उसने देखा कि वह बुजुर्ग व्यक्ति वहां पर नहीं है उसने अपनी पत्नी को बुलाकर पूछा कि वह व्यक्ति कहां गया तो उसकी पत्नी बोली मुझे नहीं पता मुझे नहीं मालूम कि वह कहां गया और मैंने तो इसे यहीं पर तो देखा था सोते हुए लेकिन ना जाने वह वृद्ध व्यक्ति कहां गया वहां पर एक है रखा हुआ था और उन लोगों ने जैसे ही इस थैली को खोला उसने बहुत सारे सोने के सिक्के तहसील को देखकर आशीष ने अपनी पत्नी से बोला कि अगर वह व्यक्ति इतना अमीर खा उसने मुझसे झूठ क्यों बोला वह दोनों कुछ समझ नहीं पा रहा इसलिए उन लोगों ने निर्णय किया कि इसे हम यहीं पर रहने देते हैं जब वह आएगा तो वहां से ले जाएगा उन लोगों ने उस जगह से एक सिक्का भी नहीं निकाला 

और कुछ देर बाद रात हो गई रात में बिरजू को एक सपना आया साईं बाबा ने आकर उन्हें कहा मैं तुम्हारी भक्ति से प्रसन्न हूं तुम्हारी तकलीफ हैं मुझे देखी नहीं गए वह पहला को तुम लोग ही रखो इससे तुम लोगों के जीवन की सारी तकलीफे दूर हो जाएगी और तुम लोग एक बेहतर और एक खुशहाल जिंदगी जी पाओगे है और आशीष की उसी समय आंख खुल गई उसने सारी बात जाकर अपनी पत्नी को बताई पत्नी को अपने पति की बात सुनकर अपने आप पर गिरा होने लगे और उसने अपने पति को कहा कि मैं आपको झूठा बोलती थी मैं आपको कितना लड़ती थी इस संसार में भगवान है उन दोनों ने मिलकर साईं बाबा के आगे हाथ जोड़ कर उनका शुक्रिया किया और आसिफ के साथ-साथ अब उसकी पत्नी भी साईं बाबा के व्रत रखने लगी और बाबा की अराधना करने लो भक्तों यह थी कि एक गरीब परिवार की कहानी जिसमें स्वयं साईं बाबा ने आकर 

उन गरीब परिवार के लोगों को संकटों से बचा लिया आपके क्या विचार है कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं वीडियो अच्छी लगी हो तो लाइक करें ज्यादा से ज्यादा शेयर करें मिलेंगे अगले आवाज वीडियो के साथ तब तक के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद

जब एक मृत महिला को साईं बाबा ने किया जिंदा,उसके बाद जो हुआ उसे देख सब हैरान हो गए #घटना #sai #miracl

जब रातोरात एक तांत्रिक ने लिए एक महिला की जान फिर कैसे साईं बाबा ने महिला के शरीर में उनकी जान कैसे साईं बाबा ने दिया उस महिला को जीवनदान.

आज  हम आपको यही बताएंगे आज हम आपके लिए लेकर आए हैं साईं बाबा से जुड़ी एक खास वीडियो उसे देख कर आपके पैरों तले ज़मीन खिसक जाएगी .

नमस्कार दोस्तों हमारे YouTube चैनल में आप सभी का बहुत-बहुत स्वागत है, यह बात तो हम भी जानते हैं कि साहिबा सदैव ही सभी भक्तों का रक्षा करने इसी भी परिस्थिति पर दौड़े चले आते हैं वह तो प्रेत निशांत जैसी शक्तियों को खत्म करने के लिए साईं बाबा की अवधि छिड़की जाती है इसके अलावा तांत्रिक शक्तियों को भी विफल करने के लिए साईं बाबा के विभूति को ही पूजा जाता है कई बार नकारात्मक ऊर्जा का इस्तेमाल करने से कुछ लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ जाती है यह कहानी उत्तराखंड से महेंद्र भट्ट ने दी है,

 बनर्जी ने बताया कि कैसे उन्होंने अपने पड़ोसी की मदद करके उसके मृत पति पवन दिलाया कि हां महेंद्र जी साईं बाबा के परम भक्त हैं को यकीन है कि आज भी साहिब उनके साथ साए की तरह रहते हैं लेकिन उसका पड़ोसी राजेश उसे बिल्कुल भी पसंद नहीं कर पाते हर समय दुश्मनों की नजर से देखता रहता था इक बार महेंद्र देर रात अपनी नौकरी से घर जा रहा था इसी बीच राजेश के घर से धुआं निकलता देख वह घबरा गए और उसके घर में सीधा अंदर घुस गए अंदर जाकर देखते हैं कि वहां पर तांत्रिक क्रियाओं का याद कल आप और रहा है 


जिसका विरोध करते हुए हैं एनर्जी ने राज्यों से कहा यह सब गलत है का हर्जाना तुम्हें चुकाना पड़ जाएगा उन यह सभी इसी मकसद से करवा रहे हो तो राजेश ने बताया कि मुझे दस सालों से सुख की प्राप्ति नहीं हुई है करण मुझे यह सब करवाना पड़ रहा है कि इस पर महेंद्र जी को बहुत ही गुस्सा आया लेकिन वह यही सोचकर चुपचाप वहां से चले गए यह एक बच्चे की भावना के लिए एक बाप की कामना है फिर कुछ दिनों बाहर अमावस्या के दिन जब वो अच्छा जी खाना खाकर अपने घर की छत घूम रहे थे तब भी राजेश जी के घर से काफी धुआं आने लगा वह समझ गया कि आज फिर से वही अंधविश्वास वाला काम किया जा रहा है एनर्जी जाकर राजेश के बारे में पूरी कहानी अपने बीवी को बता दी और उससे और उसकी बीवी से रहने के लिए हिदायत दी अगले दिन साइज अतिथि साईं जी के जयंती पर महेंद्र जी हर दिन अपने घर के बाहर से भंडारा करवाते थे इस बार भी उन्होंने भंडारा करवाया लेकिन इस भंडारे में राजेश शामिल नहीं हुआ फिर भंडारा खत्म होने के बाद महेंद्र ने पड़ोसी होने के नाते भंडारे के खिचड़ी और कुड़ी राजेश और उसकी पत्नी को देने के लिए उसके घर गया वहां जाकर महेंद्र ने देखा कि राजेश की बीवी उसके घर में मरी पड़ी हुई है

 यह देखकर महेंद्र जी के पैरों तले जमीन खिसक गई फिर महेंद्र जी ने राजा से पूछा यह सब कैसे हो गया तुम्हारी बीवी इस तरह से कैसे मर गई और तक तो वह ठीक थी अब राजेश ने बताया कि उसके साथ धोखा हुआ है तांत्रिक ने उसके पत्नी की जान लेकर अपने आपको शक शौचालय बनाया है मुझे अपने बच्चे की सपने दिखाकर वह मेरी पत्नी के जान के साथ खिलवाड़ किया मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूं बेहतर को यह बात सुनकर काफी दुख हुआ और उसने राज्य से कहा अब तुम्हारी पत्नी की जान केवल और केवल साईं बाबा ही बचा सकते हैं जो कि इन सबको केवल और केवल वहीं काट सकते हैं,

 अगर साईं बाबा की कृपा तुम पर हुई तो तुम्हारी पत्नी के प्राण साईं बाबा स्वयं बचा लेंगे इसके लिए तुम्हें अभी एक उपाय करना होगा राजेश ने महेंद्र जी से कहा मैं सब कुछ करने को तैयार हूं अब बस मुझे बताया कि मुझे करना क्या होगा अब महेंद्र ने बताया कि इस साइज जयंती के पावन अवसर पर तुम साईं बाबा के मंदिर में जाकर उनकी पूजा-अर्चना कराओ और साईं बाबा की अवधि भी लगा कराना यदि तुम्हें अगर अपनी पत्नी का जीवन दान चाहिए तो तुम्हें ऐसा ही करना होगा बाकि भगवान पर भरोसा छोड़ दो फिर राजी नंगे पांव जैसे ही मंदिर साईं बाबा के मंदिर जाने को निकला तो मौसम का मिजाज अचानक बदल गया जोरों से बहुत बारिश होने लगी और बहुत कि बिजली कड़कने लगी ऐसा भयानक ऑसम देखते ही महेंद्र जी ने राजेश का हौंसला बढ़ाया इन सबसे मडर आगे बढ़ हो या पता तुम्हारी बीवी को जीवनदान मिल जाए यह कहकर महेंद्र घर गया और अपनी पत्नी को लेकर राजेश के घर वापस आ गया इसके बाद राजेश ने महेंद्र जी के बताए गए उपायों को साईं बाबा के मंदिर में जाकर किया इसके बाद जब वह अपने घर वापस आया तो उसकी पत्नी मृत अवस्था में पड़ी हुई थी,

 कुछ देर बाद महेंद्र जी ने एक डॉक्टर को लेकर आया और डॉक्टर ने तुरंत राजीव जी की पत्नी को मुंह से सांस लेने की कोशिश की और रिएक्शन भी लगाया सीवीआर भी दिया फिर डॉक्टर ने राज्य का यह जिंदा है तो है किसने कहा कि यह मर चुकी है यह सुनकर राजेश हैरान हो गया और खुशी के मारे रोने लगा इसके बाद डॉक्टर ने कहा कि इन्हें जल्दी से जल्दी अस्पताल में भर्ती करवाना होगा फिर राजेश अपनी पत्नी को महेंद्र के साथ लेकर अस्पताल ले गया और केंद्र को शुक्रिया अदा करने लगा महेंद्र ने कहा देखा साईं बाबा को मानने का फल यदि तुम अपने बच्चे की खुशी पाने के लिए थोड़ा सा और सब्र कर लेते तो तुम्हें यह दिन देखना नहीं पड़ता फिर राजेश को अपनी करनी पर अफसोस होने लगा और उसके तीन दिन बाद जब उसकी पत्नी सही सलामत अपने घर वापस आ गई तो उन्होंने मिलकर साईं बाबा की भक्ति करना शुरू कर दिया और घर की हर दीवारों पर साईं बाबा का नाम और उनकी तस्वीर लगा दिया अब वह पति-पत्नी साईं बाबा के परम भक्त बन चुके हैं,

 और वाकई इस कहानी को सुनने के बाद आप भी साईं बाबा के चमत्कारों को समझ गए होंगे उनकी भक्ति में कितनी शक्ति है यह रातोरात उन्होंने एक महिला को जीवनदान दे दिया,

 यदि आपको हमारी वीडियो अच्छी लगी हो तो वीडियो को लाइक शेयर एंड सब्सक्राइब जरुर कीजिएगा और कमेंट में हमें लिखकर जरूर बताइएगा कि आपको यह वीडियो कैसा लगा हम मिलेंगे एक और नहीं खास वीडियो में तब तक के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद

जब हजार फुट ऊंची पहाड़ी से नीचे गिरी बस फिर कैसे बचे यात्री खुद देख कर हैरान हो जाओगे #miracles

 कि जब हजार फुट ऊंची पहाड़ियों से घिरी एक बर,

 उसके बाद जो हुआ सभी का दिल बैठ गया. आज के इस वीडियो में हम आपको बताएंगे एक खास रहस्यमई चमत्कार आप देख रहे हैं साईं जीवन माला YouTube चैनल,

 जाको राखे सांइयां मार सके ना कोय. अर्थात जिसके साथ साईं हैं, उसका कूर कार और कोई भी कुछ भी नहीं बिगाड़ सकता ऐसी ही एक खास कहानी के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं, जो हमें भेजी है कश्मीर में रहने वाले एक पंडित रतन कुमार जी ने रतनजी कश्मीर के निवासी हैं ,जिनकी आयु इस समय 81 वर्ष है रतनजी लंबे समय से साईं बाबा के उपासक हैं ,वे प्रतिदिन नियमबद्ध तरीके से साईं बाबा की पूजा अर्चना किया करते हैं रतन जी अपने बच्चे और पौत्र-पौत्रियों के साथ रहते हैं, उनके परिवार में सभी साईं बाबा के प्रति सच्ची अच्छा और आस्था रखते हैं, दोस्तों सब कुछ सुखमय रूप से व्यतीत हो रहा था,

 इसी वर्ग उनके और उनकी परिवार की इच्छा हुई कि वह अपने परिवार के साथ साईं बाबा के दर्शन करने के लिए शिरडी धाम को जाएं उन्होंने अपने घर में सभी के साथ मिलकर योजना बनाई तब मिलाकर उनके घर में 25 से 30 लोग थे सभी ने मिलकर एक छोटी बस का इंतजाम किया और 5 जुलाई को यात्रा के लिए निकल गए सभी लोग साईं बाबा की भक्ति में रम करें साईं बाबा के भजन और गीत गाते हुए आगे बढ़ रहे थे बड़ा ही भक्तिपूर्ण माहौल बना हुआ था परंतु आगे जो संकट आने वाला था उससे सभी अनजान थे कुछ ऐसा होने वाला था कि किसी ने सोचा भी नहीं था 10 से 12 घंटे का सफर पूर्ण करने के बाद रतन कुमार जी अपने पूरे परिवार के साथ शिरडी साईं बाबा के दरबार में पहुंच गए.

 सभी लोगों ने मिलकर साईं बाबा के बहुत ही अच्छे से दर्शन किए और दर्शन करने के बाद सभी वापस अपने घर की ओर निकल पड़े वापस आते समय रतन कुमार भी की बस एक ऊंची चट्टान पर चल रही थी उसी समय बस खराब होकर बंद हो गई ड्राइवर की लाख कोशिश के बाद भी बस चालू नहीं हो रही थी बस ऊंची चढ़ाई से नीचे की तरफ लुढ़कने लगी ड्राइवर पीछे जाकर बस को ब्रेक लगा रहा था लेकिन ब्रेड भी काम नहीं कर रहे थे और पीछे खाई को देखकर रतन कुमार जी और उनकी सभी परिवार के लोग काफी ही भयभीत हो गए जब ड्राइवर के द्वारा बस को लाख कोशिश करने के बाद भी रोका जा नहीं सका नवरत्न कुमार जी ने शिरडी के साईं बाबा को याद करके बोला हे साईं बाबा मुझे अपने प्राणों की कोई फ़िक्र नहीं पर मेरे पौत्र-पौत्री और अपने छोटे-छोटे बच्चों की रक्षा कीजिए वरना अनर्थ हो जाएगा उसके बाद हुआ उसे देखकर सभी के होश उड़ गए तेज रफ्तार से खाई में व्यक्ति बस अचानक से रास्ते में ऐसे सूख गई जैसे किसी ने बीच में उन्हें पकड़ लिया हो ड्राइवर चिल्ला कर कहने लगा मैंने तो ब्रेक लगाएं ही नहीं पर यह बस कैसे रुक गई,

 किसी को कुछ समझ में नहीं आया कि आखिर यह क्या हुआ कैसे हुआ परंतु रतन कुमार जी समझ गए थे कि जो प्रार्थना उन्होंने साईं बाबा से कि है साईं बाबा ने उनकी सुन ली है और उन सभी के प्राणों की रक्षा की है वहां पर मौजूद किसी भी व्यक्ति को अपनी आंखों पर यकीन नहीं हो रहा था परंतु सत्य तो यही था रतन कुमार जी का साईं बाबा पर पूर्ण विश्वास और साईं बाबा से की गई प्रार्थना के कारण साईं बाबा ने उनकी सुन ली और अपने भक्तों के प्राणों की रक्षा की भक्तों आपका क्या विचार है नीचे कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं और साथ ही कमेंट बॉक्स में जय साईं राम अवश्य ही लिखें वी अच्छी लगी हो तो लाइक करें ज्यादा से ज्यादा शेयर करें मिलेंगे अगली बार एक नई खास वीडियो के साथ तब तक के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद है

जब ट्रेन दुर्घटना से लाखों लोगों की जान बचाने, स्वयं साई बाबा के श्यामसुंदर घोड़े को आना पड़ा #sai

 क्या हुआ जब ट्रेन दुर्घटना से लाखों लोगों की जान बचाने स्वयं साईं बाबा के सवारी श्यामसुंदर घोड़ा दौड़े चले आए, फिर जो हुआ उसे देखकर सभी लोग हैरान हो गए,

 ओम साईं राम नमस्कार दोस्तों  आप सभी का बहुत-बहुत स्वागत है.

 दोस्तों आज हम आपको साईं बाबा के सवारी श्याम सुंदर घोड़े की एक ऐसी सच्ची घटना आपको सुनाने जा रहे हैं जिसे सुनकर आप के पसीने छूट जाएंगे दोस्तों यह आंखों देखी सच्ची घटना हमारे साथ साझा की है बिहार के रहने वाले कमल सिंह की और बताया कि कैसे स्वयं श्याम सुंदर घोड़े ने अपने लाखों भक्तों की जान बचाई, वो दोस्तों चलिए जानते हैं, आखिर इस दिन ऐसा क्या हुआ जब साईं बाबा के श्यामसुंदर थोड़ा को आना पड़ा रेल दुर्घटना से लाखों लोगों की जान बचाने दोस्तों मेरा नाम कमल सिंह है और मैं बिहार के एक छोटे से गांव में रहता हूं बिहार के सभी जनसंख्या से तो आप सभी अच्छे से वाकिफ है यहां पर ज्यादा से ज्यादा लोग ट्रेन में सफर करते हैं और यहां पर लोगों की ट्रेन में तालाब भी बहुत सावधान रहती है उस दिन ट्रेन हादसे में अगर साईं बाबा के श्याम सुंदर घोड़े ने मेरी जान बचाई होती तो पता नहीं कितने लोगों की जान चली जाती थी हादसा बिहार में हुआ था दरअसल तब की है जब मैं उसी ट्रेन में छपरा की तरफ जा रहा था उस ट्रेन में मेरे साथ बैठे हुए लोगों को जरा सा भी अंदाजा नहीं था कि इतना बड़ा हादसा होने वाला है और ना ही मुझे इस बात की थोड़ी सी भी भर भी मुझे नहीं थी ट्रेन अपनी रफ्तार चल रही थी और हम सब सफर का आनंद उठा रहे थे समय थोड़ा गुजरने के बाद कुछ ऐसी घटना घटी जिसे देखकर हम सब सह जाते हैं और हम सब सफर का आनंद उठा रहे थे समय बीतता गया और कुछ समय बाद हमारे साथ ऐसी घटना घटी जिसे देखकर हम सब सहन जाते हैं उस समय जब मानसी से सहरसा की तरफ भागती नदी के पूर्व तूफानी रफ्तार से चल रही थी तभी किसी को अंदाजा नहीं होता यह रफ्तार एकदम से रुकने वाली है उस दिनों जी में का मौसम था और जबरदस्त बारिश हो रही थी पट्टियों पर फिसलन थी और आप मशीनरी भी अपनी जुबान पर थी पूल के आगे का रास्ता एक झील का रूप ले चुका था और और अगर ट्रेन आगे जाती तो ट्रेन जेल की चपेट में आकर बुरी तरीके से टूट जाता यह बहुत बड़े हादसे का रूप ले लेता लेकिन जब ट्रेन अचानक रुकी और हम सबको मालूम पड़ा कि हम सब बहुत बड़े हादसे से बच गया जब हमारा सामना एक बुरे सत्य होता है सच सुनकर हम सभी सह जाते हैं उस समय वहां पर एक ऐसा चमत्कार वजह से हम सभी सुनकर दंग रह जाते हैं ड्राइवर उस फूल को क्रॉस करने वाला था एक तभी उस फूल पर दूर पर ही खड़ा एक घोड़ा नजर आया कि देखकर ड्राइवर सोचता है कि अगर चलती हुई ट्रेन से थोड़ा टकराता है तो शायद गाड़ी पटरी से उतर सकती है बहुत बड़ा हादसा हो सकता है यहां तक कि हजारों लोगों की जान भी जा सकती है यह देखकर ड्राइवर बिना कुछ सोचे-समझे इमरजेंसी ब्रेक मार दी ड्राइवर के ब्रेक मारने के बाद घोड़े की जान भी बच जाती है और बहुत खौफनाक फ्लेक्सीड ब्लुटूथ देर बाद ड्राईवर को जब पता चला कि आगे तरफ का रास्ता एक झील का रूप ले चुका है और ट्रेन के आगे जाने के बाद बहुत बड़ा हादसा हो सकता था तब ड्राइवर होने की तरफ देखता है और सोचता है कि अगर यह घोड़ा बीच में नहीं आया होता तो मैं ट्रेन नहीं रोकता है वह बहुत बड़ा हादसा होता दोस्तों यह ड्राइवर ने घटना हम सबको बताई और हम सब यह सभी बातें सुनकर उस घोड़े को धन्यवाद करने लग जाते हैं कहते हैं ना ऊपर वाले साईं बाबा का हाथ हम सब पर रहता है और वह हमारी मदद किसी भी रूप में आकर अभी भी कहीं भी करते हैं उस दिन भी साईं बाबा नहीं गढ़ श्याम सुंदर घोड़ा को हम सभी की जान बचाने के लिए भेजा था यह बहुत बड़ा चमत्कार था और आज भी मुझे याद है और हमेशा मेरी जिंदगी भर याद रहेगा मैं उस दिन को कभी नहीं भूल सकता तो दोस्तों जैसा कि आपने देखा यह सभी कोई काल्पनिक कथा नहीं थी ना ही कल्पना यह एक सत्य था जिस चमत्कार को हम आपको बताएं और इस चमत्कार का साक्षी केवल एक ही नहीं बल्कि और उसमें बैठे हजारों लोग भी हैं जिन्होंने उस समय यह सब पीछे अपनी आंखों से देखा था और कानों से सुना था यह एक सत्य घटना है अगर आपको यह खास वीडियो यह खास जानकारी पसंद आई हो तो वीडियो को लाइक शेयर एंड सब्सक्राइब जरुर कीजिएगा हम लेंगे और नहीं खास वीडियो में तब तक के लिए बने रहिए बहुत-बहुत धन्यवाद

मंगलवार, 5 अक्तूबर 2021

 When a 5-year-old child fell in the well, then everyone's senses were blown away seeing the miracle that Sai Baba showed, Hello friends, welcome to all of you,


 In your own YouTube channel, 

There lived a boy named Chhotu in a village in Andhra Pradesh, in his childhood, his parents left him in the stairwell of the temple, because they were unable to take care of him, the temple priest took that child to the temple. He picked it up from the ladder and started taking care of it himself. Pandit ji did not have a child of his own. That's why he started seeing that Chhotu as his child, as Chhotu grew up. That pandit ji used to narrate many more tales of Sai Baba to him,

Because she herself was worshiping in the temple of Sai Baba. Chhotu used to listen to all these stories with great enthusiasm. 1 time Chhotu's faith became very strong and strong, he used to worship Sai Baba according to the regular rules and also used to observe Sai Baba's fast on every Thursday,

After a few years, Chhotu grew up and started going to the university and one day something happened that he was surprised to see all the villagers at the time of Pandit ji; It is a matter of one day that Chhotu was returning to the university house, then on the way he saw that there was a deep well on the side of the road; And in the same pit of the well, a small dog's child is trapped between the stones,

Chotu, seeing all this, went ahead to help the child, after a lot of effort, Chhotu took that dog's child out of there but his foot slipped while walking behind and Chhotu himself fell into the well, he started drowning and he helped. But there was no one there to help him, it has been a long time when he did not understand any way, then he remembered that my father had taught me that when no one supports you, remember sai baba 

He will definitely help Chotu did the same, he prayed for help remembering Sai Baba, just now something happened that all the people got fed up seeing that the keeping on top of them suddenly came down Chhotu also pulled the rope Caught it quickly and the rope also slowly started coming up, Shortly the match came and when Chhotu came out and saw there was no one there,

He didn't understand who was pulling this person up after all. Thinking about this, he reached the Panditji of the temple and all of his own past told that Panditji to his father, Mahant Ji Panditji after listening to Chhotu. Became emotional and explained that no one else helped you but Sai Baba himself, this thing spread in the whole village and there were discussions of Sai Baba's miracles and Chotu's faith and devotion from that day onwards. Became more determined towards Sai Baba

Devotees, if you like this true incident related to Sai Baba, then like the video and subscribe to our channel and share as much as possible.


See you next time with new video till then thank you very much

नदी में डूब रहे इस भक्त की जान बचाने दौड़े चले आए साईं फिर जो हुआ उसे देखकर आप भी हैरान हो जाओगे

  जब कुआ मैं गिरा 5 साल का बच्चा, फिर साईं बाबा ने जो चमत्कार दिखाया, उसे देखकर सभी के होश उड़ गए नमस्कार दोस्तों आप सभी का स्वागत है,

 आपके अपने YouTube चैनल में,

 आंध्र प्रदेश के एक गांव में छोटू नाम का एक लड़का रहता था, बचपन में ही उसके माता-पिता ने उसे मंदिर के सीढ़ी में छोड़ दिया था, क्योंकि वह उसका लालन पालन करने में असमर्थ थे, मंदिर के पुजारी ने उस बच्चे को मंदिर के सीढ़ी से उठा लिया और खुद ही उसका लालन-पालन करने लगा. पंडित जी का स्वयं का खुद संतान नहीं था. इस लिए वह उस छोटू को अपने बच्चे के रूप में देखने लगे छोटू जैसे-जैसे बड़ा हुआ. उस पंडित जी ने उसे साईं बाबा के अनेक किस्से और चमकदार सुनाया करते थे,

क्योंकि वह खुद साईं बाबा के मंदिर के ही पूजा रही थी. छोटू यह सभी कहानियां बड़े उत्साह पूर्वक होकर सुनता था.1 समय  छोटू की आस्था बड़ी प्रबल और दृढ़ हो गई वह नित्य नियम के अनुसार साईं बाबा की पूजा पाठ किया करता था और प्रत्येक गुरुवार को साईं बाबा का व्रत भी रहा करता था,

 कुछ ही वर्षों बाद  छोटू बड़ा होकर विश्वविद्यालय जाने लगा और खेल एक दिन ऐसा कुछ हुआ कि वह पंडित जी के समय सभी गांव वाले देख कर हैरान हो गए ;एक दिन की बात है छोटू विश्वविद्यालय के घर की ओर लौट रहा था तब राह में उसने देखा कि सड़क किनारे एक गहरा कुआं है; और वही पात में कुएं के तो पत्थरों के बीच एक छोटा सा कुत्ता का बच्चा फंसा हुआ है छोटू   यह सब देखकर उससे कि बच्चे की मदद करने के लिए आगे बढ़ा बड़ी मशक्कत के बाद छोटू ने उस कुत्ते के बच्चे को वहां से निकाल लिया परंतु पीछे होते हुए उसका पांव फिसल गया और छोटू खुद कुएं में जा गिरा वह डूबने लगा और उसने मदद के लिए लोगों को आवाज देना शुरू किया परंतु वहां पर कोई नहीं था, जो उसकी मदद के लिए आ होठों को मदद की आवाज लगाते हुए बहुत समय हो गया जब उसे कोई मार्ग समझ नहीं आया तब उसे याद आया कि मेरे पापा ने मुझे सिखाया था कि जब कोई साथ ना दे तो साईं बाबा को याद करो वह सहायता अवश्य ही करेंगे छोटू ने वैसा ही किया उसने साईं बाबा को याद करते हुए यह मदद की प्रार्थना की अभी कुछ ऐसा हुआ जिसे देख कर सभी लोग तंग हो गए वे के ऊपर रखी हुई रखती अचानक से नीचे आ गई छोटू ने रस्सी को भी झट से पकड़ लिया और रस्सी भी अब धीरे-धीरे ऊपर आने लगी कुछ ही समय मैच छोटू  आ गया और जब छोटू ने बाहर आकर देखा तो वहां पर कोई नहीं था ,उसे समझ नहीं आया कि यह व्यक्ति आखिर ऊपर खींच कौन रहा था' वह तो इस बात को सोचता हुआ मंदिर के पंडित जी के पास पहुंचा और अपनी आप बीती सभी उस पंडित जी को मतलब अपने पापा को बताया छोटू की बात सुनकर महंत जी पंडित जी भावविभोर हो गए और समझाया कि तुम्हारी सहायता किसी और ने नहीं की बल्कि स्वयं साईं बाबा ने की है यह बात पूरे गांव में फैल गई और चारों ओर साईं बाबा के चमत्कार और छोटू की आस्था और भक्ति की चर्चाएं होने लगी उस दिन से छोटू की आस्था साईं बाबा के प्रति और भी अधिक दृढ़ हो गई 

भक्तों अगर आपको साईं बाबा से जुड़ी यह सत्य घटना अच्छी लगी हो तो वीडियो को लाइक करें और हमारे चैनल को सब्सक्राइब करें और ज्यादा से ज्यादा शेयर भी करें 

मिलेंगे अगली बार  नई वीडियो के साथ तब तक के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद

शुक्रवार, 1 अक्तूबर 2021

जब पागल बैल से अपने भक्त की जान बचाने साईं बाबा दौड़े चले आए , फिर जो हुआ हैरान कर देने वाला था

 हेलो दोस्तों आखिर इस दिन ऐसा क्या हुआ जब एक खतरनाक बैल से अपने भक्तों को बचाने स्वयं शिर्डी के साईं नाथ तोड़ लें फिर जो हुआ उसे देखकर वह भी हैरान हो गए नमस्कार दोस्तों हमारे YouTube चैनल में आप सभी का हार्दिक हार्दिक स्वागत है दोस्तों वैसे तो हम आप सभी को साईं बाबा के अनेक चमत्कार दिखाए सुना हैं पर इस वीडियो को देखकर आपके भी पैरों तले ज़मीन खिसक जाएगी तो दोस्तों इस वीडियो को शुरू से लेकर अंत तक जरुर देखिएगा इस वीडियो को देखने के बाद आप भी केवल यही कहेंगे इस यह भी भला मुमकिन है जी हां दोस्तों यह आज के समय में भी मुमकिन है वीडियो शुरू करने से पहले सच्ची श्रद्धा के साथ कमेंट बॉक्स में ओम साईं राम जरूर लिखिएगा इससे क्या है वीडियो के शुरूआती अच्छी होगी तो चलिए दोस्तों वीडियो शुरू करते हैं दोस्तों यह सच्ची घटना हमें भेज कि हरियाणा के फरीदाबाद में रहने वाले पुष्पेंद्र जी ने पुष्पेंद्र जी बताते हैं कि वह साईं बाबा का हर दिन पूजा भक्ति सच्चे मन से किया करते रहे हों कोई भी कार्य की शुरुआत करते तो सबसे पहले साईं बाबा की तस्वीर लगाकर सच्चे मन से अपनी आस्था व भक्ति के साथ साईं बाबा का पूजा करते उसके बाद ही वह कार्य प्रारंभ करते एक दिन की बात है जब उन्हें काम के सिलसिले में घर से बाहर जाना था वह कार में अपने काम के लिए निकल गए तभी अचानक एक बड़ा सा भयानक सब बैल उनकी तरफ वह बहुत तेजी से आते हुए देखा उससे अपनी और देखकर पुष्पेंद्र जी बहुत ही डर गए और अपनी कार तुरंत रोक दिए जब का रुक गई तभी उस खतरनाक बैल ने हमला करना चालू कर दिया वह उनके कार्य के चक्के को अपने सिंह से बहुत ही तेजी से झटके मार मार कर ऊपर उठाने लगा जिसे देखकर मैं काफी डर गए और बस फिर क्या था अपने मन साहिबा को सच्चे मन से याद करने लगे और कहने लगे कि हे साईं बाबा मेरे प्राणों की रक्षा करो फिर कुछ ऐसा चमत्कार हुआ जिसे अपनी आंखों से देखकर बहुत हैरान हो गए और उन्हें साईं बाबा के चमत्कारों में और भी अधिक आस्था बढ़ गई होता कुछ ऐसा है कि कुत्ता उनकी तरफ दौड़ते हुए आता है और बैल को भिगोकर भगा देता है और है तो लगा था यह बैल अब उन्हें जिंदा नहीं छोड़ेगा लेकिन पता नहीं कहां से उस सुनसान जगह में एक कुत्ता उनकी प्राणों की रक्षा करने आ जाता है उन यह सब केवल और केवल साईं बाबा का चमत्कार लगा और उसी दिन के बाद उनकी आस्था साईं बाबा के प्रति और भी कई गुना अधिक बढ़ गए दोस्तों आपको क्या लगता है यह स्वयं शिर्डी के साईं नाथ का चमत्कार था या फिर कुछ और नीचे हमें कमेंट करके जरूर बताइएगा अगर आपको वीडियो अच्छी लगी हो तो इस वीडियो को लाइक कीजिएगा शेयर कीजिए का यह and चैनल को सब्सक्राइब कीजिए झाल इसे होगा क्या हमारी सभी आने वाली लेटेस्ट वीडियो आपको सबसे पहले मिलेगी तो भक्तों मिलेंगे अगले वीडियो में तब तक के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद

जब अपने पति को मृत्यु से बचाने के लिए महिला ने जो किया उसे देख साई बाबा को खुद आना पड़ा,

 कि जब महिला के पति के प्राणों की रक्षा के लिए साईं बाबा को खुद आना पड़ा फिर जो हुआ उसे देखकर आपके भी रोंगटे खड़े हो जाएंगे नमस्कार दोस्तों हमारे YouTube चैनल में आप सभी का बहुत-बहुत स्वागत है दोस्तों अगर आप भी साईं भक्त है इस वीडियो को शुरू से लेकर अंत तक जरुर देखिएगा इस वीडियो को देखने के बाद आप की आस्था साईं बाबा के प्रति कई गुना अधिक बढ़ने वाली है कुछ समय पहले उत्तराखंड के एक छोटे से जंगली गांव में एक महिला और उसके पति रहा करते थे वह अपनी रोजी-रोटी के लिए रोज जंगल में जाकर लकड़ी इकट्ठा करते थे वह दोनों की आस्था साईं बाबा के प्रति अटूट थी वह पति-पत्नी हर रोज सबसे पहले साईं बाबा की पूजा करते उसके बाद ही वह जंगल में लकड़ियां काटने जाया करते थे एक दिन की बात है उनके पति को अचानक ही पेड़ काटते समय चक्कर आने लगा और वहीं बेहोश होकर गिर गए उनकी पत्नी ने उन्हें उठाने का बहुत प्रयास किया कि तो वक्त टस से मस नहीं हो रहे थे और उनकी पत्नी को दूर दूर तक कोई भी नजर भी नहीं आ रहा था उन्हें कुछ भी समझ नहीं आ रहा था यह अपने पति को अवस्था में छोड़कर जाए या नहीं कभी शाम होने लगी थी तभी वह महिला एक जगह बैठ कर फूट-फूट कर रोने लगी थी और दौड़कर वैद्य के पास गई उन्हें सारी घटना बताई लेकिन वैद्य ने रात के कारण उस जंगल में जाने से साफ इंकार कर दिया उनकी चिंता बढ़ते ही जा रही थी और वह अपने पति के पास वापस जाकर वहीं बैठ कर रो रही थी जब उन्हें कुछ भी नहीं सूझा तो वह अपनी आंख बनकर साईं बाबा को महिमन याद करने लगी तभी अचानक जो हुआ वह बहुत ही दिल दहला देने वाला था एक बहुत ही तेज रोशनी उनकी तरह बहुत तेजी से बढ़ती हुई थी जिसे देखकर वह महिला बहुत ही डर गई और डर के मारे वह पेड़ पर पीछे जाकर छिप गई पोस्ट महिला ने देखा क्वाथ दिव्यराजसिंह उनके पति के शरीर से आर पार जा रही थी जम्मू हृदय रोशनी वहां से चली गई उसके बाद उनके पति के शरीर में हलचल होने लगी वह धीरे-धीरे उठने लगे जिसे देखकर उनकी पत्नी की आस्था साईं बाबा के प्रति कई गुना अधिक बढ़ी जब अपने पति के साथ वह घर पहुंची तो सारी घटना अपने पति को बताई जिसे सुनकर दोनों पति-पत्नी किया था साईं बाबा के प्रति कई गुना अधिक बढ़ गई उन्हें केवल और केवल यह साईं बाबा का ही चमत्कार लगा दोस्तों आपको क्या लगता है क्या वह देवी रोशनी साईं बाबा ही थे या कोई और हमें नीचे कमेंट में जरूर बताइएगा अगर आप चैनल पर नए हैं कि चैनल को सब्सक्राइब जरुर कीजिएगा इस से हमारी आने वाली वीडियो आपको सबसे पहले मिलेगी तो भक्तों मिलेंगे अगली बार एक और नई खास वीडियो के साथ तब तक के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद

नागिन का गुस्सा जब कहर बनकर इस गांव के लोगों पर टूटा,तब साईं दौड़े चले आए #ichchadharinagin #nagin

 जब अपने भक्तों को सांप से बचाने साईं बाबा चले निरहुआ उसे देखकर आपके भी होश उड़ जाएंगे जय साईं राम दोस्तों कि नमस्कार दोस्तों हमारे YouTube चैनल साईं जीवन माला में आप सभी का बहुत-बहुत स्वागत है आज हम आपको साईं बाबा के चमत्कार की एक ऐसी सच्ची घटना सुनाने जा रहे हैं जिसे सुनने के बाद आप के भी रौंगटे खड़े हो जाएंगे और साईं बाबा के प्रति आपकी आस्था और विश्वास कई गुना अधिक बढ़ जाएगी दरअसल दोस्तों हम बात कर रहे हैं जबलपुर के रहने वाले विक्रम जी की जिन्होंने हमारे साथियों सच्ची घटना शेयर की है और बताया है कि कैसे उस दिन साईं बाबा जी ने उनकी कारों की रक्षा की है अगर उस दिन साईं बाबा का चमत्कार नहीं होता तो वह सांप के जहर से मच गए होते तो आइए दोस्तों जानते हैं कैसे तो हम साईं बाबा अपने भक्तों विक्रम की प्राण बचाए दोस्तों जबलपुर के रहने वाले विक्रम जी बताते हैं कि वह साईं बाबा के कैसे अनंत भक्त है और उनकी श्रद्धा इनका अस्तित्व है आज इनकी श्रद्धा का विक्रम आपसे अपने वाले हैं उस तो विक्रम जी के पिताजी लंबे समय से बीमार चल रहे थे हैं लकवा मार चुका था इस वजह से वह चल नहीं पाते थे और इस वजह से इनको बहुत तकलीफ झेलना पड़ता था हर जगह विक्रम जी ने अपने पिता जी का इलाज कराया और साथ ही पैसों का भी बहुत खर्च किया लेकिन उनके पिताजी के तबीयत में कोई सुधार नहीं आया जब भी विक्रम डॉक्टर से पूछता कि मेरे पिताजी कब पूरी तरह से ठीक होंगे तो डॉक्टर बार-बार यही कहते यह सब भगवान भरोसे हैं विक्रम जी बताते हैं कि एक दिन उन्होंने सोचा जब सब कुछ उन्होंने करा कि देख लिया तो क्यों ना एक बार साईं बाबा के मंदिर में जाकर देखा जाए और साईं दरबार में मेरे पिताजी के लिए प्रार्थना कराया जाए मैंने सुना था छत्तीसगढ़ में स्थित साईं बाबा का मंदिर एक ऐसा मंदिर है जहां पर कई भक्तों की ओर कि पूरी हो चुकी है यहां के लोगों की मान्यता है कि यहां साईं बाबा के दर्शन के बाद सारी मनोकामना पूर्ण हो जाती है यही सोचकर विक्रम जी वहीं चले गए थे


कि जब वह साईं बाबा के दर्शन करने बैठे हुए थे तभी एक जहरीले सांप ने उन्हें डस लिया और एकदम से विक्रम जी को चक्कर आने लगा विक्रम जी को लगा कि वह अब नहीं बच पाएंगे और उस समय उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था कि आवाज भी नहीं निकल पा रही थी वह किसी को मदद के लिए आवाज भी नहीं निकल पा रहे हैं तो आप यही सोच रहे थे कि अगर उन्हें कुछ हो गया और उनके पिताजी का कौन ध्यान रखेगा विक्रम जी मन ही मन बस साईं बाबा का नाम हे ने लग जाते हैं और कुछ ही देर में वह बेहोश हो गया जब उन्हें होश आया तो मंदिर के आश्रम में वह अपने आपको लेटा हुआ देखते हैं उनके शरीर से साफ करता है पूरे तरीके से निकल चुका था तभी पंडित जी आए और कहने लगे तुम्हारी जान स्वयं साईं बाबा जी ने बताइए वरना इतने जहरीले सांप से बचते हुए आज तक किसी को नहीं देखा और तुम्हारी जान तो स्वयं उमराव ने बचाई है तो विक्रम जी ने पंडित जी से पूछा कि मेरी जान किसने बचाई है तो पंडितजी ने बताया कि जब तुम बेहोश हो गए थे अब एक सपेरा आया उसने अपने टोटके तुम पर किए और जिन्हें तुम्हारे शरीर से निकाल दिया यह सब देखकर हम हैरान हो गए थे यहां दूर-दूर तक कोई सपेरा नहीं रहता और यह अचानक से कहां से आ गया उन्होंने विक्रम जी को बताया कि सपेरा आया और तुम्हारे शरीर से सारा घर निकालकर अलग गया वह किसी चमत्कार से कम नहीं था वह दें साईं बाबा ही उन्हें बचाने सपेरे के रूप में आए थे यह सुनकर वह रो पड़े और साईं बाबा को शत-शत नमन किया आज उन्हीं की कृपा से वह जीवित है और जब विक्रम घर वापस आ गए तो उनके पिताजी के स्वास्थ्य में भी सुधार आया यह सब चमत्कार साहिबा ही कर रहे थे दोस्तों मैं आपको यह जरूर यह बताना चाहूंगा कि अगर जीवन में किसी भी प्रकार की कोई भी तकलीफ हो तो एक बार साईं बाबा के दर्शन अवश्य कर लीजिए जवाब की मदद अवश्य करेंगे वह तो आपको क्या लगता है विक्रम जी की जान बचाने स्वयं साईं बाबा सपेरे के रूप में आए थे या मात्र यह एक संयोग था हमें नीचे कमेंट करके जरूर बताइएगा जय साईं राम अ कर दो कर दो


कि अ कर दो


कि अ अजय को कर दो


कर दो कर दो


कर दो


कर दो अजय को कर दो कर दो कर दो




रूसी अजय को


कर दो


सऊदी डी सॉरी आं आं


कर दो


अजय को कि हम अच्छी तो साईं देना था ऐड

जब आसमान से भगवान साईं ने दिए दर्शन आप भी देखें चमत्कारी दर्शन #miracles #sai #shirdi #youtube #mant

 हो साईं नाथ  

कहते हैं ना हो उदास तू

 मेरे लाल 

मैं तेरे साथ हूं

 सामने नहीं मैं

 तेरे आस-पास हूं 

अपनी पलकों को बंद कर और

 दिल से याद कर

 मैं कहीं और नहीं बल्कि 

तेरे विश्वास में हूं 

ओम साईं राम दोस्तों

 दोस्तों यह पंक्तियां कुछ चंद पंक्तियां नहीं है बल्कि यह एक अटूट आस्था है, धर्म से संबंधित हर समय यह सवाल पूछा जाता है कि क्या आपने किसी भगवान को देखा है, या आपने साईं बाबा को महसूस किया है, और अक्सर कई लोग इसका हिचकिचाते हुए जवाब देते हैं,

 हां हमने तो भगवान को देखा है हमने तो साईं बाबा को कई बार महसूस किया ,है, और अक्सर सामने वाला यह बात सुनकर हंस कर चला जाता होगा लेकिन दोस्तों इस वीडियो को देखने के बाद आप भी सच में यही कहेंगे कि हां मैंने सच में साईं नाथ को देखा है, जी हां दोस्तों आपने बिल्कुल सही सुना आज अपने आंखों से देखेंगे भगवान श्री साईंनाथ को और दोस्तों यह कोई बनी-बनाई बातें नहीं है, बल्कि यह हकीकत है कि आखिर कैसे भगवान श्री साईनाथ ने अपना स्वयं का अस्तित्व दिखाया कैसे साईं नाथ ने अपना अस्तित्व दिखाया, कैसे नास्तिकों को साईं बाबा ने बना दिया आज तक इस वीडियो को देखने के बाद जो भी साइनाथ को नहीं मानता या उनके सिवाय किसी अन्य भगवानों को भी नहीं मानता,



वह भी भगवान के चमत्कार को देखकर आज उनके समीप नतमस्तक हो जाएगा क्योंकि दोस्तों यह कोई मामूली वीडियो नहीं है, इस वीडियो में आप देखेंगे कि कैसे साक्षात साईं बाबा ने कलयुग में अपने दर्शन देकर सभी भक्तों को हैरान होने पर मजबूर कर दिया और दोस्तों मैं दावे के साथ कहता हूं कि इस वीडियो को आप देखने के बाद बार-बार देखेंगे लेकिन इस वीडियो को दिखाने से पहले हम चाहते हैं कि आप सच्ची श्रद्धा के साथ एक अ ओम साईं राम का कमेंट जरूर करें,

 ताकि आपकी आत्मा की भी परमात्मा से मिलन हो सके दोस्तों जो वीडियो हम आपको दिखाने जा रहे हैं यह वीडियो मध्य प्रदेश के भोजपुर गांव की है ,भोजपुर के उस रात की है जब मौसम का मिजाज कुछ ज्यादा ही खुशनुमा था आसमान अपनी मस्ती में झूम रहा था शीतल और ठंडी ठंडी हवाएं चल रही थी और पूरा आसमान भिन्न-भिन्न रंगों से रंग चुका था तभी अचानक न जाने किस कार वाले ने अपना मोबाइल निकाला और कैमरा चालू कर आसमान की तरफ रूख कर दिया शायद यह उनकी किस्मत में लिखा था कि वह आज साक्षात साईं बाबा के दर्शन करने जा रहा था आप इस वीडियो में देख सकते हैं कि कैसे मौसम अंधेरा और बिल्कुल शांत सा हो गया है लेकिन तभी अचानक बिजली बहुत ही जोर से धड़कने लग जाती है और उसी बिजली में दिखाई देती है,

 वहीं बाबा किया प्रवीण व्यक्ति को मानने पर मजबूर कर देती है कि हां इस दुनिया में ऐसी शक्ति भी है जो हम सबको अपनी आंखों से देख रही है यह सिर्फ किस्से-कहानियों में नहीं की हकीकत में है जिसे हमने भगवान का नाम लिया है दोस्तों आप एक बार इस वीडियो को और देखिए और आप देख सकते हैं कि कैसे जब उस कार वाले ने मोबाइल को ऊपर किया तो शायद उसकी किस्मत में ही लिखा था यह आज उनको साक्षात दर्शन देने वाले हैं शिर्डी के साईं कभी अचानक बहुत तेज बिजली कड़कती है और उसी बिजली में एक समय के लिए साक्षात श्री साईनाथ केवल एक सेकेंड के लिए दिखाई देते हैं दोस्तों आप इसे इत्तेफाक समझे या भगवान का चमत्कार यह आप ही जानेंगे किंतु साइना के सभी भक्त तो इस विडियो को देखकर इसे केवल साईं नाथ का चमत्कार मानते हैं क्योंकि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से यह बिल्कुल कि मुमकिन नहीं हैं कि कभी बिजली भी खूब बहु साईं बाबा की आकृति कैसे बना सकती है,



न से देखा होगा कि जब बिजली या आसमान में कड़कती है कब वह एकदम टेढ़ी-मेढ़ी आकृति लेने लग जाती है लेकिन आखिर कैसे संभव है कि आखिर पूरी बिजली सुबाहु साईं बाबा की जैसे आकृति बना डाले वीडियो में साफ-साफ हमें दिखाई दे रहा है कैसे स्वयं साइना बैठी हुई मुद्रा में आपको दिख रहे होंगे वह तो मैं यह आशा करता हूं कि इस वीडियो को देखने के बाद साईं बाबा की शक्तियों पर यकीन हो चुका होगा आप इस वीडियो के बारे में क्या सोचते हैं यह भी आप कमेंट बॉक्स में अवश्य लिखिएगा ,

वैसे किसी ने सच ही कहा है कि कण-कण में साईं बाबा आपका ही निवास है हर भक्त के लिए आप और आप हर भक्त के लिए हाथ है ,

दोस्तों आपको अगर यह वीडियो अच्छी लगी हो तो इस वीडियो को लाइक एंड शेयर अवश्य कीजियेगा,

 हम मिलते हैं एक और नहीं खास वीडियो के साथ तब तक के लिए दिल से कहिए

 जय साईनाथ

पूजा करते समय यह चीज गिर जाए तो समझो साक्षात साईं भगवान खड़े हैं पास विशेष संकेत

 जय साईं राम स्वागत है आप सभी का आपके अपने चैनल पर तो जैसा कि आप सभी जानते हैं कि हम सभी बाबा को प्रतिमा पर मूर्ति पर माला चढ़ाते हैं घर की ...