रविवार, 31 दिसंबर 2017

"महाराज अग्रसेन जी का समाजवाद"

 "महाराज अग्रसेन जी का समाजवाद"       










"        "महाराज अग्रसेन जी का समाजवाद"              
                 
समाजवाद शब्द छोटा सा है. लेकिन व्यापक है !यह छोटा सा शब्द अपने आप में बहुत ही महत्वपूर्ण है |  इसमें विश्व की एकता और समता बुनियादी एवं सार्थक तत्व भरे हुए हैं ।

 यह सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय की भावना का मूल मंत्र है। यही कारण है कि आज संसार का प्रत्येक देश ,प्रत्येक राष्ट्र इस बात के लिए प्रयत्नशील है ?कि वह समाजवाद के मामले में सबसे आगे रहे। हमारा देश भी आज समाजवाद को साकार करने में तेजी से अग्रसर हो रहा है ।          

कभी दर्शन को दर पर आया, 
                       नहीं धाम चारों गया भी तो क्या फायदा, 
 महाराज जी के दर्शन जिसने किए नहीं, 
                           उसे यह तन मिला भी तो क्या फायदा  , 
         
  यह हमारे लिए गर्व की बात है कि समाज के आदिपुरुष महाराजा अग्रसेन जी महाराज इसके प्रणेता रहे है। महाराजा अग्रसेन के जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धिय उनके द्वारा स्थापित व्यवहारिक समाजवाद ही था। महाराजा अग्रसेन जी ने अपने शासनकाल में समाजवाद की नीव रखकर विश्व मानव  का मार्ग प्रशस्त किया  हैi           

*साँसों पर अवलम्बित काया,*
*जब चलते-चलते चूर हुई,*



*दो स्नेह-शब्द मिल गये,*
*मिली नव स्फूर्ति,थकावट दूर हुई*



*पथ के पहचाने छूट गये,*
*पर साथ-साथ चल रही याद* 



*जिस-जिस से पथ पर स्नेह मिला,* 
*उस-उस राही को धन्यवाद....*🙏🏼



नव वर्ष आपके और आपके समस्त परिजनों के लिये मंगलमय हो!!

महाराजा् अग्रसेन जी के  शासनकाल में  अगोहा में बसने वाले हर व्यक्ति को सामाजिक अधिकार और जीवन की सुविधाएं प्राप्त  थी ।जो भी व्यक्ति बाहर से वहां बसने के लिए जाता था। उसे प्रत्येक परिवार की ओर से 1 ईट व एक रुपया भेंट  स्वरूप दिया जाता था जिससे उस व्यक्ति के आवास एवं व्यवसाय की व्यवस्था सुगमता  से हो जाती थी।


 समाजवाद के व्यवहारीक कमल का श्रेष्ठ एवं प्रभावी तरीका अपनाकर तथा "सर्वजन हिताय' सर्वजन सुखाय" समाजवाद की स्थापना की। अब हमारा यह दायित्व है की वंश  प्रणेता  महाराजा अग्रसेन जी के दिखाए मार्ग पर चलने का व्रतले।


  समाज और देश की विकास उन्नति के लिए कंधे से कंधा मिलाकर चलना चाहिए जिससे शोषण और उत्पीड़न का नाम तक ना रहे ,कोई अभाव ना रहे ,सबको समान अधिकार तथा सुख सुविधा प्राप्त हो ।


हमें अपने सभी मतभेद भूलकर समाज व  राष्ट्र की मातृभूमि की सच्ची सेवा के लिए  कदम से कदम मिलाकर चलना है, तभी महाराज अग्रसेन जी का समाजवाद आज के युग में सार्थक हो सकेगा।                                  

                      
 :::::::::::::::::::::जय अग्रसेन महाराज

                         लेखक -    रामचंद्र अग्रहरि    पिता श्री कैलाश चंद्र अग्रहरि  
                               जीवन बीमा एजेंट करगी रोड कोटा 
                                                                                जिला बिलासपुर छत्तीसगढ़.                                                                                       संपर्क सूत्र 8602160984.     

जीवन एक लक्ष्य

                                 

  श्रद्धा और विश्वास   के साथ ,
                           जो नव वर्ष को मनाता है ,
           खुशियों से उसका ,
              जीवन मालामाल हो जाता है ,,

हम सभी को अपने  जीवन में एक लक्ष्य बनाना है  ,लक्ष्य बड़ा हो या छोटा उस पर केन्द्रित रहे, अगर हम अपने मन में संकल्प कर एक लक्ष्य पर चलते रहे तो ,हम अपने जीवन में सफलता हासिल  कर सकते है. यदि लक्ष्य से पीछे हटे तो हमे आगे जाने के लिए भी उतना रास्ता तय करना होगा और पीछे जाने के लिए भी उतना रास्ता करना होगा। बीच रह में रहकर हम मंजिल  हासिल नहीं कर  सकते है।


अगर हमारे मन के हौसले बुलंद है तो समझ लीजिये हमारी  उड़ान भी ऊंची होनी चाहिए किसी ने कहा है की 
की :कोशिश  करते रहिए  ,कोशिश करना मत छोड़िये एक दिन आप सफल होंगे ये हमारा विश्वास हे ,अगर हमारा रास्ता सही है तो मार्ग पर कई तूफान आएंगे हमे हर तुफानो का सामना डँट करना है ,,जो इंसांन उठने की हिम्मत रखता है व्ही गिरता है ,


आप सभी जानते हे---  जब एक  जीव का जन्म होता है , तो वह भी  सबसे पहले धरती पर गिरता है ,तभी धीरे -धीरे चल कर सम्भल कर एक काबिल इंसान बनता है, यदि आपको लक्ष्य पर चल कर कुछ हासिल  करना है तभी तो उसका महत्त्व है ,अन्यथा उसका कोई मतलब नहीं है ,आप अपने रोज के कार्य की रुपरेखा तैयार कर
डायरी मैं लिखे जीवन की प्रतिक्रियाएं ,दिन चरिया सभी की एक लिस्ट तैयार करे ,और उस पर अमल करे ,



                     
                     
   दरिया बनकर किसीको डुबाने से
                                         बेहतर है,
                        की जरिया बनकर किसीको बचाया
                                           जाए !!

                      
                 मत जियो उसके लिए जो दुनिया के लिए खूबसूरत हो,
       
                 जियो उसके लिए जो तुम्हारी दुनिया खूबसूरत बनाये !!



*यह दुनिया मोह का भण्डार है। जनम लेते ही हम तेरा मेरा करने लग जाते है। प्रेम में पड जाते है रिस्ते दारिया बना लेते है पर कबी सोचा है हम क्यों आये हाँ इस दुनिया में। शयद कोई नई सोचता। हम आये है भुगतान करने जो हम ने पिछले जन्मों में किया है उस का भुगतान करने। जो जैसे कर्म करता है उसे वासां ही जन्म मिलता है जो दान पुन करता है वो राजा बन के असो आराम की जिंदगी लेता है। बुरे काम करने वाला बिमारी को साथ लाता है दुनिया में रह कर हर चीज को तरसता है। पर हमें यह जन्म 84 लाख यूनि बिताने के बाद मिला है इसे ऎसे ही बर्बाद न करो उस मालिक के सिमरन में लगाओ। संतो दुआर राम नाम की लूट लगी है अगर लूटना है तो उसे लूट जो तेरे सारे कर्म खत्म कर सकता है।*

       *Զเधॆ- Զเधॆ*


शनिवार, 30 दिसंबर 2017

A mother's pain can only be understood by a mother!

A mother's pain can only be understood by a mother! Mother is always a form of cow mother










 , Which is eternally sacramental

, The essence of the word "mother" is great!







 Mother is always paramount, its height is like the ocean. Mother is a mother, creature can not be created without her, she becomes a family from mother. Coming into the world, he comes into the form of a mother, sometimes a sister, and a wife, comes in the form of a human being, his family becomes a strong nation,

If the mother is our strongest, then she builds a new life by spreading the light around her family, society, country, and by continuing on the path of progress, she prepares a new army of a country, By publishing children brightly,






By receiving respect from 'pride', our "little brother, sisters", neighbors around small children, to behave,

 By explaining the limits of the rituals, building a new society, following the path of pride,

 The in-laws ride both the eyes. With respect to the name of the parents, mother-in-law, with pride, with every respect, facing every difficulty, "continuing on the path of goal completion and staying on the path

It continues to grow,


Always give the feeling of mother's pain to a child. So that he always served his parents, respected them, respected them. And believe in the mind that in the parents itself, it has given birth to man in the world; due to them, it exists in this world.




 His name is run by the name of his parents, without him we have no identity,

 They always think good for their children. We believe in them forever,

   They will have to follow the guidance given to them.

It is not necessary that we should ask for some favor before this, but we should take blessings from them and make our life successful, when our parents leave us and go away from this world, then we remember their sacraments on the basis of their memories. Taxes move their lives forward,

We feel their lack.


They are our idols, yet we remember them in memory of them and remembering them for a moment to pay homage to them.

In the path of your life, further flows,

Our world is by his grace

                               Their bugs are gardeners,

Which we always have to keep up with our hard work



This is called the only successful mother. 



The mother is the master of the children in the house, the teacher is the teacher of the children in the school, just as the cow casts his calf with love, licking and licking. Enlarges, makes milk powder.

In the same way, a mother also spends her baby with her snout, raises her paws, so that one day her child grows up and helps her old age.


Mother builds a family, parents bring their children into this world, make a capable person. Children are the happy future of the country which, by growing up, the mother's family will go ahead ', just as a farmer is happy to see his flowing farm, in the same way parents are happy to see their children happy,

With the affection of the parents, their family society encourages their children to be successful on the path of progress by making the future of their children safe by creating a new life, by creating a new life,







That is the true mother Jai Mata gave +







A small pardon in the memory of writer- Swa Sundar Bai Gupta,

                  From the pen of Meena Gupta, and Saurabh Gupta

Shri Sai Baba Seva Ashram Kargi Road Kota Bilaspur Chhattisgarh

Contact -Success-8871301506, 8602160984

शुक्रवार, 29 दिसंबर 2017

एक माँ का दर्द एक माँ ही समझ सकती है

एक माँ का दर्द एक माँ ही समझ सकती है !माता सदा गौ माता का रूप है


 ,जो सदा  पूज्यनीय है
,"माँ "शब्द की महानता से सार  हे! 

  

 माता सदा सर्वोपरि है ,उसकी ऊंचाई सागर के सामान है. माता ही जननी है ,उसके बिना सृष्टी  नहीं रची जा सकती ,माता से ही परिवार बनता हे। संसार में आकर वह कभी माँ के रूप में, कभी बहन, कभी पत्नी, के रूप में आकर एक इंसान का वजूद बनाती है ,उसके परिवार कुल देश को मजबूत बनती है ,


                                             
         
अगर माँ हमारी मजबूत हे, तो वह अपने परिवार ,समाज,देश ,का वातावरण अच्छा बनाकर आस- पास रौशनी फैलाकर एक नवजीवन का निर्माण कर ,प्रगति के पथ पर सदा अग्रसर रहकर एक देश की नई सेना तैयार करती है ,जो भविष्य में उसके बच्चो को उज्जव्वल प्रकाशित कर  ,

                                  

'गर्व" से सम्मान प्राप्त कर,  हमारे "छोटे भाई ,बहनो "छोटे बड़ो  को  आस पास के पड़ोसियो, को व्यव्हार ,

 रिस्तों की मर्यादा समझाकर, एक नव समाज का निर्माण कर  ,गौरव पथ पर चलकर अपने मायके ,

 ससुराल दोनों पछो को सवार कर.  माता पिता ,सास ससुर ,का नाम सम्मान के साथ गर्व से लेकर सर उठाकर हर मुश्किलों का सामना करते हुए "लक्ष्य  प्रप्ति के मार्ग पर अग्रसर रहकर अपनी राह पर अडीग रहकर       

                                                                            
आगे बढ़ती रहती हे ,
एक बच्चे को माँ के दर्द का अहसास हमेशा दिलाते रहें। ताकि वह अपने माता पिता की सदैव सेवा करते रहै ,उनका आदर ,सम्मान करते रहे। और मन में यह विश्वास करे की माता पिता में ही उसे  दुनिया में लाकर मनुष्य जन्म दिया है ,उन्ही के कारन उसका इस संसार में वजूद है।

                                                              
 माता पिता के नाम से ही उसका नाम चलता है ,उनके बिना हमारी कोई पहचान नहीं होती है,
 वे सदा अपने बच्चो के लिए अच्छा ही सोचते है। हमे उन पर सदैव विशवास कर ,
   उनके दिए गए मार्ग दर्शन पर चलना होगा। 
जरूरी नहीं की हम इसके पहले ,उनसे कुछ एहसान मांगे बल्कि हम उन से आशीर्वाद रूपी धन लेकर अपना जीवन सफल बन लेवे ,जब हमारे माता पिता हमे छोड़कर इस दुनिय से चले जाते है ,तो हम उनक यादो के सहारे उनके दिए गए संस्कारो को याद कर अपना जीवन आगे बढ़ाते है ,
हमे  उनकी कमी महसूस होती है.'

                                                             

वे हमारे आदर्श है फिर भी हम उनकी याद में आंशु बहाकर दो पल याद  कर उन्हें श्र्द्धांजलि अर्पित कर
अपनी जिंदगी की राह में आगे बह जाते है ,
उनकी कृपा से ही हमारा संसार है
                               उनकी बगिया ही बागवान है ,
जिसे सींच कर हमे सदा अपनी मेहनत से हरा भरा रखना है

                                                       

बस  वही  कामयाब माँ   कहलाती हे।

घर में माता ही बच्चो की गुरु है, शाला में शिक्षक बच्चो के गुरु होते है ,जिस तरह गाय अपने बछड़े को प्यार से सहला कर ,चाट कर। बड़ा करती है,दूध पिला  कर पालती है.
उसी तरह एक माँ भी अपने बच्चे को अपने स्नैह से सहला क,र  पाल पोश कर  बड़ा करती है ,ताकि एक दिन उसका बच्चा बड़ा हो कर उसके  बुढ़ापे  का सहारा बने।






माता से ही परिवार बनता है ,माता पिता अपने बच्चे को इस दुनिया में ला कर ,एक काबिल इंसान बनाते है। बच्चे देश  के सूंदर भविष्य हे जो बड़े होकर माता  के कुल को आगे बढ़ाते 'जिस तरह एक किसान अपने लहलहाते हुए खेत देख कर  खुश  होता हे ,उसी तरह माता पिता अपने बच्चो को  खुश  देख कर ख़ुश रहतै  है,                             


माता पिता अपने स्नेह  से अपना परिवार समाज  देश का वातावरण अच्छा बनाकर अपने बच्चो का भविष्य,सुरछित कर नव जीवन का निर्माण कर प्रगति के पथ पर सदा ,अपने बच्चो को प्रोत्शाहित करती  है ,

                             

वही होती हे सच्ची माँ जय माता दी +




लेखक_ स्व  सुँदर बाई गुप्ता की याद में 
एक छोटी सी श्र्द्धांजलि  ,
       मीना गुप्ता ,और सौरभ गुप्ता की कलम से

श्री साई बाबा सेवा आश्रम करगी रोड कोटा बिलासपुर छत्तीशगड़
सम्पर्क -सूत्र -8871301506 ,8602160984 

पूजा करते समय यह चीज गिर जाए तो समझो साक्षात साईं भगवान खड़े हैं पास विशेष संकेत

 जय साईं राम स्वागत है आप सभी का आपके अपने चैनल पर तो जैसा कि आप सभी जानते हैं कि हम सभी बाबा को प्रतिमा पर मूर्ति पर माला चढ़ाते हैं घर की ...