क्या हुआ जब बाढ़ में फंसे भक्तों को बचाने स्वयं साइन आपको आना पड़ा और फिर जो चमत्कार हुआ उसे देखकर सभी लोग हैरान हो गए ओम साईं राम दोस्तों नमस्कार हमारे YouTube चैनल में आप सभी का बहुत-बहुत स्वागत है दोस्तों आज हम आपको कंगना ठाकुर के साथ हुए आईनाथ की ऐसी सच्ची घटना सुनाने जा रहे हैं जिसे सुनकर आपके भी रोंगटे खड़े हो जाएंगे इसे सुनकर आपके पैरों तले ज़मीन खिसक जाएगी दरअसल दोस्तों हम बात कर रहे हैं बाल घाटी में रहने वाली कंगना ठाकुर की जिन्होंने हमारे साथ ही बाबा की एक ऐसी सच्ची घटना शेयर की है और बताया है कि कैसे स्वयं ही बाबा ने बाढ़ के दौरान उनके प्राणों की रक्षा की दोस्तों कंगना ठाकुर बताती है कि वह साईं बाबा को दिल से मानती है और निस्वार्थ होकर उनकी पूजा पाठ भी जिया करती है वह कहती है शायद मेरी भक्ति से प्रसन्न होकर बहुत के मुझसे आकर स्वयं साईनाथ ने मेरे प्राणों की रक्षा की थी हेलो दोस्तों इस बात में आज भी कोई दो राय नहीं है जो भक्त सच्ची श्रद्धा से साईं बाबा को याद करता है तो अवश्य ही साईंनाथ उनकी मुराद सुनकर किसी ना किसी रूप में दौड़े चले आते हैं तो आइए दोस्तों जानते हैं कि कैसे साईनाथ ने अपने भक्तों को बाहर निकालकर कंगना ठाकुर की रक्षा की दोस्तों बाल घाटी के छोटे से गांव में रहने वाली कंगना ठाकुर जी साईं बाबा के एक अनन्य भक्त थी वह हर रोज सुबह उठकर कायनात के मूर्ति में दूध अर्पण किया करती थी उसके बाद ही वह अपने दिनचर्या के कामों को शुरू किया करती थी गांव वाले भी कंगना की भक्ति को देखकर बहुत ही खुश रहते थे बात उस समय की है जब बाल घाटी के मौसम बिल्कुल खराब हो चुका था बिल्कुल सुबह से ही बहुत बारिश हो रही थी कहना जी बताती हैं यह वह बारिश होते हुए भी साईं बाबा को दूध अर्पण करने मंदिर चले जाती है घरवालों के बहुत समझाने के बाद भी कंगना मानती और साईं बाबा के मंदिर चली जाती है कंगना जी बताती है कि शायद साईं बाबा उनकी परीक्षा लेना चाह रहे थे इसीलिए उन्होंने हार नहीं मानी और तेज बारिश में भी मंदिर के तरफ निकल गई जैसे ही कंगना आगे बढ़ने को निकली अ चाहत स्वरों से बारिश होने लगी आसमान में बहुत जोरों शोरों से बिजली कड़कने लगी थी मानो जैसे कोई बादल फटने वाले हैं ऐसे मौसम को देखकर कंगना जी साईं बाबा का नाम लेते हुए मंदिर के तरफ निकल रही थी जैसे ही वह आगे बढ़ी रही थी लोग कहना ने देखा वहां के नदी पर बहुत तेज तूफान पैदा हो रही है उन्होने देखा आदि में तेज पानी के लहरें उत्पन्न हो रही है जो लगातार बहुत तेजी से उनकी तरफ बढ़ रही है लेकिन कंगना जी फिर भी नही रुकी और साईं बाबा का नाम लेते हुए वह आगे बढ़ने लग जाती है तब यह बहुत ही भयानक पानी की लहर कंगना से टकराती है और जिसके कारण कंगना पानी में डूबने लग जाती है एक पल लिए कंगना को लगता है कि शायद उनका आखिरी समय आ चुका है लेकिन कंगना अपने परिवार को ना याद करते हुए सच्चे मन से साईं नाथ का चालीसा पढ़ने लग जाती है पानी में सांस ना लेने की वजह से अंगना बेहोश हो जाती है तभी कंगना को ऐसा सपना देखता है जिसे देखकर वह फूट-फूट कर रोने लग जाती है व्युत्क्रम है वह साक्षात साईं बाबा के सामने खड़ी हुई थी साईं बाबा उससे पूछते हैं लिए प्रिय भक्त जब तुम्हें पता था कि तुम्हारा आखरी समय आ चुका है फिर भी तुम्हारे मुख पर केवल मेरा ही नाम क्यों था तो कंगना कहने लग जाती है यह साईनाथ मैंने बचपन से यह और केवल आपको ही पूजा है मैं जानती थी कि मैं अपने जीवन में अगर इसी तरीके से सच्ची श्रद्धा भाव से पूजा-पाठ आपके प्रति करते रहूंगी तो आप एक ना एक दिन मुझे दर्शन जरूर देंगे और मेरा जीवन हमेशा के लिए सफल हो जाएगा साहिबा मंद-मंद मुस्काते हैं और कंगना से कहने लग जाते हैं कि जब मृत्यु नजदीक कि दो बड़े से बड़ा भक्त भी केवल और केवल अपने परिवार को याद करता है उस माह को याद करता है जिसने उसे बचपन से पाला हो लेकिन तुम्हें देख कर आज मुझे यकीन हो गया कि मुझसे भी बड़ा कोई है वह लोग केवल मेरा भक्त ही है और तभी साईं बाबा अपना हाथ उठाते हैं और भक्तों के ऊपर रखते हैं और कहते हैं अस्तु और तभी अचानक कंगना की आंखें खुल जाती है और कंगना देखती है कि उनके नजदीक ही एक साधु बाबा गुज़रे हैं वह अपने आपको साईं बाबा के मंदिर में पाती है जहां पर साईं बाबा के मंदिर के पास ही एक सफेद पोशाक पहना हुआ एक साधु खड़ा हुआ था और कंगना उन्हें देखकर बहुत ही घबरा जाती है लेकिन वह पल भर में ही समझ जाती है यह कोई और नहीं बल्कि स्वयं साईं बाबा ही है जिन्होंने नदी में डूबने से इन के प्राणों की रक्षा की है और क्षण भर में ही उतर नहीं वे साधु बाबा कहां गायब हो जाते हैं
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