शनिवार, 27 जनवरी 2018

सब से बड़ा आश्चर्य

*🍃🍁सब से बड़ा आश्चर्य🍁🍃*

एक बार कही ईश्वर चर्चा हो रही थी सभी सुन रहे थे की तभी वहाँ से एक व्यक्ति जाते जाते रुका और महात्मा जी से कहने लगा -- क्या में एक प्रश्न पूछ सकता हु ??
महात्मा जी--- अवश्य
व्यक्ति--- महात्मा जी में रोज यह से निकलता हूँ आप सब को चर्चा करते देखता हूँ आप सब ईश्वर की चर्चा करते हो और सुनते भी हे तो क्या आप सब ने ईश्वर को देखा हे ????
सभी उस व्यक्ति की बात सुन कर हँसने लगे और कहने लगे --- *ईश्वर को तो देख ही नही सकते और जो देख लेगा ना वो तो दुनिया में ही नही रहेगा ! तुम भी यह बैठ कर महात्मा की बात सुनोगे तभी तो पता चलेगा ईश्वर को ऎसे नही देख सकते।*
महात्मा भी बोल पड़े --तुम तो कर्मो की मेल ख़त्म कर तभी तो ईश्वर को देख पाओगे ?


व्यक्ति -- महात्मा जी बहुत आश्चर्य की बात हे जब आप ने ईश्वर को देखा ही नही तो कैसे बता सकते हो की ईश्वर क्या हे ? आप बहुत बड़ा गुनाह कर रहे हो पहले आप ईश्वर को देखो तब ही दुसरो को बताना ।
महात्मा और उसके शिष्यों ने उस व्यक्ति को धके मार कर बहार कर दिया।
वो व्यक्ति मुस्कुराता हुआ चला गया तभी एक और व्यक्ति उस सभी में से उठा और कहने लगा वो सही बोल रहा था और उस के पीछे चल दिया

   
उस व्यक्ति को कहने लगा - क्या आप ने ईश्वर को देखा हे ?
व्यक्ति - हाँ जी
दूसरा व्यक्ति --तो आप वहा क्यों गये जब आप ने ईश्वर को देखा हे तो ??
पहला --में तो यह देखना चाहता था की - क्या कोई सच में ईश्वर को पाना चाहता हे की नही पर ,,,,,,
*बहुत आश्चर्य हे की जिस ईश्वर की चर्चा कर रहे थे जब उस के दर्शन की बात की तो धके पड़े और इन लोगो को ईश्वर दर्शन नही करने बस बाते करनी हे इसे बत- संग कहते हे सत्संग नही ।*
दूसरा-- आप सही कहे हो क्या आप मुझे ईश्वर दर्शन करा सकते हो
पहला व्यक्ति-- आप की जिज्ञासा हे तो आप भी पूर्ण गुरु के पास चलो

     
विचार------
 क्या आप में ईश्वर को जानने की जिग्यासा हे ?
 *बतसंग या सत्संग  आप की क्या इच्छा है??*

*विचार माह पुरुषो के निर्णय आप का क्यों की ---*
प्रत्येक व्यक्ति सवतंत्र हे निर्णय लेने को

🙏जय श्री राम 🙏

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

पूजा करते समय यह चीज गिर जाए तो समझो साक्षात साईं भगवान खड़े हैं पास विशेष संकेत

 जय साईं राम स्वागत है आप सभी का आपके अपने चैनल पर तो जैसा कि आप सभी जानते हैं कि हम सभी बाबा को प्रतिमा पर मूर्ति पर माला चढ़ाते हैं घर की ...