यदि आप ज्यादा भगवान की पूजा करते हैं , तो लोग कहते हैं, वह भगवान की पूजा में पागल है, पर भगवान ही सत्य है,मानव जन्म का केवल एक ही उद्देश्य होना चाहिए कि हमें भगवान को प्राप्त करना है, हम जो भी गलतियां अपने जीवन में करते हैं, तो हमें सिर्फ भगवान से डर कर रहना है, क्योंकि हमारे अच्छे बुरे कर्मों का हिसाब किताब भगवान के दरबार में निश्चित होता है, और वही हमारी सजा तय करता है, उसके आगे आप बच नहीं सकते भगवान से झूठ नहीं छुपा सकते हैं, कहते हैं भगवान के घर में
' देर है अंधेर नहीं" यह सत्य है कर्म का फल इंसान को भोगना ही पड़ता है, उनकी शक्ति पर आप विश्वास कर लेंगे तो समझो भगवान की कृपा सदा आप पर बनी रहेगी, बस श्रद्धा-विश्वास यह दो बातें सदा याद रखना जो इंसान हर विपत्ति को भगवान की होनी अनहोनी समझकर स्वीकार करता है ,तो भगवान उसे हर विपत्ति से निकाल लेते हैं ,आज जिसके पास पैसा है, वही अपने आपको भगवान समझता है ,वह इस अहंकार में रहता है ,कि मैं ही दुनिया चला सकता हूं यह आपकी भूल है, वह पैसा भी भगवान का दिया है, वह किसी न किसी रूप में वसूल लेता है ,
दुनिया चलाने वाला एक है जो सदा एक ही रहेगा।
जिसे आप झुठला नहीं सकते हैं,
दुनिया चलाने वाला एक है जो सदा एक ही रहेगा।
जिसे आप झुठला नहीं सकते हैं,
मनुष्य अपना समय का महत्व समझे वह यह समझे कि मानव जन्म बड़े भाग्य से मिला है, उसने बहुत बड़ा पुण्य प्राप्त किया है, ईश्वर की कृपा उस पर है हर सुबह वह अपने नित्य कर्म से मुक्त होकर भगवान का ध्यान कुछ समय कर अपने योग साधना कर। अपने नित्यकर्मों में व्यस्त रहें, यही उसका परम धर्म है ,
कई लोग सुबह से उठकर किसी पड़ोसी, किसी रिश्तेदार, आजू बाजू वालों, की बुराइयां कर,
अपना समय खराब करते हैं, दूसरों को तकलीफ देकर वे खुश होते हैं, पर वह यह नहीं समझते कि,
जो वो कर रहे हैं, कल वहीं उनके बच्चे करेंगे, क्योंकि बच्चे गीली मिट्टी की तरह है ,उन्हें आप जिस आकार में ढालेंगे वह उसी रूप में ढल जाएंगे, यह कटु सत्य है, मेरी आपसे विनती है जो समय आप व्यर्थ गवाते हैं ,
उस समय को ईश्वर की आराधना में लगाते रहें ,क्योंकि तन, मन, धन सब, ईश्वर की देन है,
जब मनुष्य का शरीर मृत होने पर भगवान इस दुनिया से उठा लेता है, तो किसी का दिया धन घर द्वार कहां बचेगा सब भगवान का है, उसे ही अर्पित कर दो कर्म तो इंसान को करना होता है ,माया मोह में पड़कर इंसान जीता है, मरने पर ,भगवान का हो जाता है, इसलिए ईश्वर की सेवा कर उसके ध्यान में तन मन धन से अर्पित हो जाए वही भव सागर से पार करवा देगा ,भगवान का ध्यान मन में हमेशा रखिए , विश्वास रखकर पवित्र मन से उसे याद कीजिए ,आपको हर तरफ से प्रकाश ही प्रकाश नजर आएगा ,और सारी निराशाओं से मुक्ति पाकर आपका रास्ता सरल हो जाएगा, आपकी राह को पथभ्रष्ट करने कई लोग आएंगे पर जो भी चाहते हैं,
आप पथभृष्ट हो जाए ,वो वैसे ही नष्ट हो जाएंगे ,आप घबराइए नहीं हिम्मत रखिए देवी, देवता, की पूजा ही आपको शक्ति प्रदान कराएगी। , मां की महिमा अपरंपार है जो देवी मां की महिमा का गान कर उनका स्मरण करता है, उनकी हर विपत्ति तिनके के समान हो जाती है,क्योंकि प्रभु जी भक्तों पर सदा कृपा करते रहेंगे ,
आप अपना सर्वस्व प्रभु के चरणों में अर्पित कीजिए, ईश्वर को प्राप्त करने के लिए किसी माध्यम की आवश्यकता होती है, यह माध्यम किसी ज्ञानी, महापुरुष ,सद्गुरु ,अपने बुजुर्गों को बना सकते हैं।
आप अच्छी धार्मिक पुस्तकें पढ़ कर भी ज्ञान अर्जित कर सकते हैं, मनुष्य जीवन एक-एक पल कीमती हे
इसे व्यर्थ मत गवाएं कुछ अच्छे कर्म कर भगवान की कृपा पाइए
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